एक दिन मुन्नी भैया से बोली।
भैया मैं हूं तुम्हारी छोटी बहना चुन्नी।
स्कूल को जब भी जाती हूं।
डर कर दो कदम पीछे हट जाती हूं।
मैडम के प्रश्नों का भी उत्तर नहीं दे पाती।
इसलिए हर वक्त उदास होकर बैठ जाती।।
चुन्नु बोला सुन मेरी बहना।
तू है मेरी सुंदर गुड़िया सी बहना।।
तुम्हें मैं याद करने के टिप्स बताता हूं।
कविता के माध्यम से सब समझाता हूं।।
मुन्नी खुश होकर बोली तू है मेरा राजा भैया। तुझ बिन सुनी हमारे घर की नैया।।
नहीं करूंगी तुझसे कभी लड़ाई।
जल्दी से समझा मेरे भाई।।
चुन्नु बोला बोल बोल कर पढ़ाई किया करो,
हर शब्द और उसके अर्थ पर ध्यान दिया करो।।
जोर जोर से और दोहरानें से जल्दी पाठ को याद कर पाओगी।
पाठ याद करने से ना तुम कभी घबराओगी।।
अपने आप से हर रोज कहो मुझे सब कुछ याद रहता है, मुझे सब याद रहता है।
मुझे हर किताब का सारा पाठ याद होता है।।
याद किए हुए पाठ को 24 घंटे में दोहराओ। दोहरा कर उसको अपनी मां को सुनाओ।
सात दिनों के अंदर फिर से दोहराओ। दोहराकर अपनें मन में बिठाओ।
कल्पना ज्ञान है सबसे जरूरी।
कल्पना करते रहनें से बच्चों के मनमें छवि अंकित है रहती।
दिनचर्या को अनदेखा मत किया करो।
अपनी पढ़ाई के लिए समय सारणी का उपयोग किया करो।
एक ही जगह पर बैठ कर पढ़ाई मत किया करो।
देर रात तक मत पढ़ा करो।।
जल्दी उठना जल्दी सोना यही है सबसे अच्छा गहना।
यही तो है बुद्धि मता और तन्दरुस्ती का गहना।
पानी खूब पिया करो,
शान्त महौल में शान्त मन से पढाई किया करो।
और चेहरे पर खुशियां झलकाया करो।
उदासी को अपने मन से बाहर करो।
समझ के बिना पढ़ाई करना है निरर्थक।
समझ के साथ पढ़ाई करना है सार्थक।
समझ और याददाश्त का है गहरा रिश्ता।
इन दोनों का जैसे हो मां बेटे का रिश्ता।
घटना के पीछे या कहानी के पीछे छिपे कारणों की जांच किया करो।
अपनी समझ को विकसित किया करो।
अपनी खुबियों को पहचानिए।
रुचि के अनुसार विषय चुनिए।।