रहस्यमयी गुफा भाग6

भोलू जादू की तलवार पाकर बहुत ही खुश हुआ उसने सोनपरी को जाते वक्त वचन दिया था कि   उसके पिता को छुडा कर ही दम लेगा।वह जादू की तलवार को लेकर सुदूर पहाड़ों को पार करता हुआ चला आ रहा था। रास्ते में  पहाड़ी कंदराओं में उसे वापिस जादू की तलवार लाता देखकर सारे जीव-जंतु बहुत खुश हुए। वे बोले कि हम तुम्हारी सहायता करने के लिए तुम्हारे साथ तुम्हारे गांव चलना चाहते हैं । हो सकता है तुम्हें हमारी जरुरत पड़ जाए। । वे सब के सब उसके साथ चल पड़े। वह जैसे  ही अपने गांव के समीप वाले बाग में पहुंचने वाला था उसने सभी जीव जंतु को उस बाग में रुकने का इशारा किया। वह सारे के सारे जानवर बोले जब तुम हमें याद करोगे तब हम तुम्हारे साथ तुम्हारी सहायता करने अवश्य आएंगे। गोलू हर रोज अपने दोस्त भोलू कि राह देखा करता था। वह  हर रात भूरी से बातें करने चुपके से गुफा में चला जाता था। 1 दिन जब वह वह भूरी से मिलने गया तो वह भूरी को प्रणाम करके बोला कि एक महीना होने वाला है मेरा दोस्त अभी तक नहीं आया। उसके माता-पिता को उस काले जादूगर ने मुर्गा बना दिया है। आप बताओ कि मेरा दोस्त कब तक वापिस आएगा? भूरी बोली तुम्हे चिन्ता करनें की कोई जरुरत नहीं। उसने जादू की तलवार प्राप्त कर ली है। तुम  उसका उस उद्यान में ही इंतजार करना जहां पर वह तुम से कह कर गया है। वह बोली कि तुम्हारा दोस्त एक दिन के अंदर आने वाला है। वह बहुत खुश हो गया और उस नें भूरी का धन्यवाद किया। 

सुबह उठ कर जब वह  बाग में पहुंचा वह बहुत ही खुश दिखाई दे रहा था।  यहीं बाग में बैठकर अपने दोस्त भोलू का इंतजार करता हूं। उसने दूर से आते हुए घोड़े की आवाज़ सुनी यह आवाज़ तो उस के दोस्त के घोड़े चेतक की थी। वह उस आवाज़ को भली भांति पहचानता था। 

भोलू उसके सामने आकर बोला कि मैं जादू की तलवार प्राप्त कर आ गया हूं। मैं इस तलवार की सहायता से उस जादूगर का काम तमाम कर दूंगा। गोलू बोला कि मेरे दोस्त तुम्हारे माता पिता और राजा को उसने मुर्गा और मुर्गी बना दिया है। उसने उनको मुर्गी खाने में बंद कर दिया है। मुझे तो रात दिन यही फ़िक्र होती थी कि वह ठीक से भी है या नहीं  चिंकारां तुम्हारे माता-पिता को खाना तो दे देता था क्योंकि उसे डर था कि अगर वह जादू के जूते का राज बताए बिना मर गया तो उसका जादू का जूता उसे नहीं मिलने वाला। एक दिन मैंने तुम्हारी मां के पास उन्हें कहते सुना कि जब तुम्हारा बेटा यहां आएगा तो तू उसे पहचान लेना क्यों कि वह यहां पर भेष बदल कर तुम्हें छुड़ाने अवश्य आयेगा अगर तुम हमें बताओगे नहीं तो हम तुम्हें मार देंगे। मैं जैसे ही उससे मिलने जाने लगा तो उस जादूगर ने फिर से उन्हें मुर्गी बना दिया। इतने सारे जानवरों मैं उसे नहीं पहचान सकता कि चाचा चाची कौन से हैं। मैं भी सोच में पड़ गया कि क्या करूं। 

भोलू बोला मैं महल में भेष बदल कर ही आऊंगा। मैं अपने माता-पिता को  कैसे पहचानूंगा वह यही सोच रहा था कि बैग में से रस्सी बाहर आकर बोली कि इतनी छोटी सी बात के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं तुमने अपने साथ जंगल के सारे के सारे जंगली जीवों को  किस लिए बुलाया है। उनमें से कहो कि तुम मेरे साथ मुर्गी खाने पर चलकर पता करो कि मेरे माता-पिता कौन से हैं? सभी मुर्गी और मुर्गियों के बीच जानवर अपनी भाषा में बात करेंगे। तुम्हारे माता-पिता और राजा चुप रहेंगे।  वह बात नहीं करेंगें क्यों कि उन्हें जानवरों की भाषा समझ नहीं आती होगी। तुम तीनों को अलग रख देना। तुम्हें अपने माता-पिता की कोई खास निशानी तो पता होगी ही। कोई चिन्ह वगैरह। भोलू बोला मेरे पिता के बाएं गाल पर काला तिल है। वह गले के पास है। ध्यान से देखने पर ही पता चलता है।  मेरी मां की बचपन में काम करते करते एक छोटी उंगली कट गई थी। उनके एक हाथ का नाखून भी टूटा हुआ है। राजा तो मेरे साथ था जब वह दुष्ट जादूगर से भिड़ रहा था। उसकी बायें टाग परं निशान उभर आये थे। मैं इन जंगली जीव जन्तुओं की सहायता से अपने मां-बाप मां-बाप और राजा का पता लगा लूंगा। गोलू ने अपनें दोस्त भोलू को सब कुछ बता दिया कि सारे के सारे प्रजा के लोगों को उसने अपने साथ मिला लिया है। जो लोग उसकी बात का विरोध करते हैं उसके साथ वह बुरी तरह से पेश आता है। कुछ लोग तो हर रोज भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हमारा राजा वापिस आना चाहिए।

भोलू ने गोलू को कहा कि तू जाकर राजा को कहना  चलो बाग में घुमनें। चलते हैं मैं आपको कुछ दिखाना चाहता हूं बहला-फुसलाकर उन्हें यहां ले आना ।तब मैं तुम दोनों को फुसलाकर किसी बहाने से एकदम महल में पहुंचकर पता लगा लूंगा कि मेरे माता-पिता कहां है। उनसे मिलकर आऊंगा तुम उस दुष्ट चिंकारा को कहना कि एक बहुत लंबे चौड़े शरीर वाला व्यक्ति यहां बाग में घूमता देखा गया । वह यहां का तो नहीं लगता कहीं वह आपको जाने वाला तो नहीं है। उसने कल कितने जीव जंतुओं को मौत के घाट उतारा है शक्ल सूरत से तो वह कोई अजनबी लगता है वह यहां का नहीं लगता। चिंकारा दानव तुम्हारे पीछे-पीछे मुझे देखने चला आएगा। मैं उस जादूगर से हिरण का शिकार करने के लिए कहूंगा। वह हिरण को मार नहीं पाएगा जादू की रस्सी से नकली हिरण बनाने के लिए कहूंगा। कुछ देर के लिए तो ऐसा लगना चाहिए कि वह  असली हिरण हो। 

गोलु भोलू से बोला के तुम नकली हिरण को खूब तेज  दौड़ाना वह दुष्ट जादूगर तुम्हारे जीत से प्रसन्न हो जाएगा और तुम्हें महल में आने का निमंत्रण देगा।और मैं भेष बदल कर  ही रहूंगा क्यों कि सब लोग तो मुझे पहचानते हैं। किसी को भी पता चल गया तो सारा गुड़ गोबर हो जाएगा।

 यह कह कर गोलू अपनें दोस्त भोलू से विदा ले कर उस दुष्ट-जादूगर चिंकारा के पास जाकर बोला राजा जी बाग  में मैंने एक अजनबी को घूमते हुए देखा वह जंगली जीव जंतु का शिकार करता है। चिंकारा जादूगर सोचनें लगा की कहीं वह उसकी चाल तो नहीं। उसने जल्दी से अपने आदमियों को बाग में भेजा । सचमुच में ही वहां पर उन्होंने एक लंबे चौड़े इंसान को घूमते हुए पाया। भोलू भी होशियारी से सतर्क हो कर भेष बदल कर बाग में जंगली जन्तु का शिकार कर रहा था। उसे जरा भी डर नहीं लग रहा था क्यों कि उसकी सहायता करनें के लिए जंगली जन्तुओं  की फौज थी जो उसका साथ देनें के लिये आई थी।

राजा गोलू को बोला चलो मैं तुम्हारे साथ चल कर देखना चाहता हूं-कि वह लम्बाचौडा नवयुवक कौन है और वह यहां क्या लेनें आया  है। वह बाग में गोलू के साथ चल पड़ा। बाग में उसने सचमुच ही हिरण को दौड़ते हुए देखा। चिंकारा उसे देखकर बड़ा खुश हुआ। तभी उस की दृष्टी  उस युवक पर पड़ी,वहां पर एक बहुत ही खुबसूरत नवयुवक से उसकी मुलाकात हुई। उसने गोलू को इशारा किया और कहा तुम महल में वापिस जाओ। हर पल की सूचना देते रहना।

उस युवक को जादूगर के आने का आभास ही नहीं हुआ। वह तो मस्त हो कर जंगली जीव हिरणों के पीछे भाग रहा था। चिंकारा बोला “लगता है तुम इस शहर में नये नये आये हो।” युवक जादूगर चिंकारा  को देख कर बोला मैं हिरण के पीछे इतना व्याकुल था कि आप के आने का पता ही नहीं चला। हां मैं इस इस जंगल में अजनबी हूं । मैं चुनारगढ़ का राजा सुमेर हूं।मेरा घोड़ा अचानक ना जाने कहां भाग गया। यहां पर बाग कि खूबसूरती ने मुझे आत्मविभोर कर दिया। फूलों की सुगंध ने मुझे यहां आने पर विवश कर दिया। मैं  यहां पर आए बिना नहीं रह सका। एक पल में अपने घोड़े को भूल ही गया। मेरा घोड़ा ना जाने कहां चला गया। शायद वह भी मेरी तरह ही वह भी ऐसी ही किसी ऐसी जगह पर जाकर मस्ती कर रहा होगा।

जादूगर ने सोचा क्यों ना मैं इस  को कह दूं कि तुम और मैं दोनों मिलकर इस हिरण को पकड़ते है। तुम हारे तो तुम यह हिरण मुझे दे देना। अगर मैं जीत गया तो तुम ही यह हिरण अपने साथ ले जाना। चिंकारा उस हिरण को देख कर उस अजनबी से बोला चलो देखता हूं तुम कितनें बहादुर हो। आज प्रतियोगिता हो ही जाए। तुम उस हिरण से जीतते हो या नहीं चलो आज आज़मा ही लेते हैं। काफी देर तक  चिंकारा को वह हिरण दौड़ता रहा। चिंकारा थक हार कर चूर हो क्या मगर वह हिरण उसकी पकड़ में नहीं आया। हार कर दुष्ट चिंकारा बोला तुम इसी हिरण को पकड़कर दिखाओ। गोलू ने एक ही बार में हिरण को पकड़कर अपने पंजे में जकड़ लिया। हिरण भी उसके साथ मस्त होकर खेलने लगा। यह देखकर चिंकारा जादूगर हैरान हो गया और उसने अजनबी को कहा कि तुम चलकर मेरे महल में  कुछ समय बिताओ। मैं तुम जैसे वीर का स्वागत करता हूँ।भोलू यह सोच ही रहा था कि वह चिंकारा जादूगर उससे अपने महल में प्रवेश करने के लिए इजाजत दे दे। यह सुनकर बहुत ही खुश हो गया और जादूगर के साथ चल पड़ा। रात को भोजन करते हुए उस ने दुष्ट जादूगर चिंकारा को अपनी वीरता के झूठे किस्से सुना सुना के मन्त्रमुग्ध कर दिया। दुष्ट जदुगर ने सोचा के यह बड़े काम का मालूम होता है इस से दोस्ती कर के उसे ही फायदा होगा। 

रात को जब सभी सो रहे थे तो सुमेर  यानी भोलू चुपके से सब से छिपता छुपाता बाग में लौट आया। वहाँ पहुंच कर उसने अपने सभी जंगली जानवर दोस्तों को पुकारा,सभी वहाँ पहुँच गए।भोलू ने कहा कि मित्रों अब मुझे तुम्हारी मदद को आवश्यता है।जंगली  जीव बोले कि हम यहां पर तुम्हारी सहायता करने के लिए ही आए हैं।

कहा कि सारे मुर्गे यहां सामने एकत्रित हो जाओ। सारे के सारे  मुर्गों को उसने पिंजरे में डाला और मुर्गा खाने में आकर छोड़ दिया। अपने साथ और मुर्गों को देख कर  सभी मुर्गे खुश हो गये। सभी आपस में बातचीत करने लगे। एक कोने में जब तीन मुर्गे अकेले रह गए वे आपस में बातें नहीं कर रहे थे। उनको देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने काफी दिनों से कुछ भी खाया ना था। भोलू नें सभी को चारा डाला। वह तीनों मुर्गे उसे  चुपचाप गौर से देखने लगे।  

भोलू अचानक सामान्य व्यक्ति के वेश में उनके सामने जाकर खड़ा हो गया। वे तीनों कुछ भी नहीं खा रहे थे।  मुर्गों की आंखों से पानी बहता देख कर भोलू समझ गया कि वे ही उसके माता-पिता है और उनमें से एक राजा है। उसने जल्दी से उन तीनों के निशान देखने शुरू किए। उसे एक मुर्गे के गाल के पास वैसे निशान दिखाई दिया  जैसा उसके पिता की गाल पर था। एक मुर्गे की ऊंगली के पास वैसा ही कटे का निशान था। वह बोला आप तीनों को मैं ले जाने के लिए आया हूं। आप तीनो को यहां से मैं ले चलता हूं। उसने अपने माता-पिता और राजा को अपने घोड़े पर बिठाया। वह उन की तरफ देख कर मुस्कुराया और बोला  कि वह उन्हें ले जाने के लिए ही आया है। आप चिन्ता न करें ।उसने जल्दी से एक पिंजरा मंगवाया। उस पिंजरे को ले कर भोलू से कहा कि मुझे पहले उस दुष्ट जादूगर से जादू का जूता प्राप्त करना होगा। तब वह अपने पिता को ठीक कर पाएगा। उसने अपने माता-पिता को गोलू के घर पर रख दिया। अपने माता-पिता को मुर्गे से इंसान बनाने के लिए उसे पहले जादू का जूता प्राप्त करना होगा। 

जादू की रस्सी बोली कि इससे पहले तो तुम्हे उस दुष्ट राक्षस को मार कर  जिसके पास जादू की मोतियों की माला है उससे मोतियों की माला प्राप्त कर लोगे तो तुम्हारे अंदर दुगनी शक्ति आ जाएगी। इसके लिए तुम्हें सूझबूझ से काम लेना होगा।  भोलू कहने लगा कि क्यों ना हमें कोई योजना बनाते हैं। शेष अगले भाग।

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