(चीकू और मीकू की दोस्ती)

किसी जंगल में एक शेर और शेरनी रहते थे। वे दोनों पति-पत्नी शिकार करने जाते और जो कुछ मिलता वह अपने बच्चों के साथ मिल बांट कर खाते थे। एक दिन शेर शेरनी दोनों जंगल में शिकार करने निकले वहां पर उन्होंने आगे  तेज तेज भागते हुए हाथी के बच्चे को देखा। वे उसे देखकर बहुत ही खुश हुए। चलो आज हमें ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है। यह हाथी का बच्चा तो आसानी से हमारे हाथ लग जाएगा। हाथी का बच्चा उनको देखकर बड़ी ही तेजी से अपनी जान बचाकर भागा। वे   दोनों भी हाथी के बच्चे के पीछे दौड़ने लगे। अचानक हाथी का बच्चा  उनकी आंखों से ओझल हो गया

शेरनी शेर से बोली यह हाथी का बच्चा देखने में छोटा सा है मगर बहुत ही तेज है। आज तो इसको पकड़ कर ही हम दम लेंगे। चलो थोड़ी देर आराम कर लेते हैं। हमें तब तक भूख भी अधिक लग जाएगी। दोनों एक तालाब के समीप ही आराम करने लगे। वह चाहते थे कि यदि कोई जानवर भी हाथ लग जाएगा तब हम उसका शिकार ही कर लेंगे। कोई ना कोई जानवर यहां पानी पीने अवश्य आएगा।

हाथी का बच्चा अपने हाथी दोस्तों के झूंड से अलग हो गया था। हाथियों का झुंड जंगल में जा रहा था तभी हथिनी ने पुकारा चीकू। वहां पर अचानक शेर का बच्चा उन हाथियों को दिखाई दिया। शायद वह बच्चा भी अपने दोस्तों से अलग हो गया था। जैसे ही हथिनी ने उसे देखा वह सब उसे मारने के लिए उसके पीछे पीछे दौड़ने लगे। हथिनी के बच्चे का का नाम था मीकू। शेरनी के बच्चे का नाम चीकू था। चीकू ने सोचा मेरी मां मुझे पुकार रही है। चीकू ने जैसे ही पीछे मुड़कर देखा वह उसकी मां नहीं थी। वह कहां आ फंसा था।  उनको देखकर चीकू ने दौड़ लगाई।

वह अपने आप को उन से बचाना चाहता था। वह नन्हा सा बच्चा था उसको भागता देखकर मीकू  भी उसके पीछे पीछे भागने लगा। भागते भागते हुए  वे दोनों  भी बड़ी दूर आ गए थे। उसको देखते कर मीकू बोला भाई मेरे मुझे पता चल गया है तुम्हारा नाम चीकू है।। मेरा नाम मीकू है। तुम मुझसे मत डरो। मैं तुम्हारा दोस्त बन सकता हूं। मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। वह उन हाथियों से डरकर एक झाड़ी में फंस गया था। उसकी टांग से खून बह रहा था। मीकू  बोला मैं तुम्हें बताता हूं जब मेरी मां ने मुझे पुकारा तो तुमने समझा कि चीकू पुकारा है। मेरा नाम तुम्हारे नाम जैसा ही है। मेरे दोस्त मैं तुम्हें अपने परिवार वालों से बचाऊंगा इससे पहले वह आ जाए मैं तुम्हें यहां एक पेड़ के पीछे गड्ढे में छुपा देता हूं। तुम पर पत्ते डाल दूंगा। झाड़ियों की ओट में तुम्हें कोई नहीं देख सकेगा। दोस्त तुम्हारे चोट लगी है तुम मुझसे छोटे हो। मैं तुम्हें नहीं मारूंगा। मीकू बोला किसी के आने की आवाज आ रही है। अचानक उसने देखा हाथियों का झुंड पानी पीने आ रहा था।  वह समीप ही पहुंचने वाला था। हथिनी ने कहा बेटा मीकू तुमने यहां पर किसी छोटे से शेर के बच्चे को तो नहीं देखा। मिकू ने कहा हां हां वह आगे उस ओर गया है। आप सब जल्दी से आगे जाओ वहां पर वह शेर का बच्चा है। हथिनी बोली ठीक है तब तक तुम यहीं पर आराम करो हम उसको पकड़ कर लाते हैं। मिक्कू ने चीकू की जान बचा ली थी। हाथियों का झुंड आगे बढ़ चुका था। मीकू वही पर रह गया था। जैसे  ही हाथियों का झुंड वहां से चला गया चीकू को पुकारा चीकू अब तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। चीकू ने कहा भाई मेरे दोस्त मैं तुम्हारा शुक्रिया अदा कैसे अदा करूं?

उसे किसी के आने की आहट सुनाई दी। चीकू नें कहा तुम्हें भी खतरा हो सकता है मेरे भाई। शायद हमारे परिवार का कोई सदस्य आ रहा है। चीकू बोला तुमने तो मुझे बचा लिया अब तुम को कौन बचाएगा। मेरे तो चोट लगी है मैं तो तुम्हारी कोई मदद नहीं कर पाऊंगा। मीकू बोला चीकू भाई कोई बात नहीं अगर तुम्हारे लिए मुझे मरना भी पड़ जाएगा कोई बात नहीं मैं समझूंगा अपने दोस्त को बचाने के लिए मैंने अपनी जान भी कुर्बान कर दी तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जैसे ही आहट सुनी  मीकू भागने लगा। शेर और शेरनी ने उसे देख लिया था।  उनको पास देख कर मिकू भागने लगा और फिर झाड़ियों के पास छिप गया। एक बार फिर उसने शेरनी और शेर को चकमा दे दिया। था। शेरनी बोली कब तक बच सकता है। शायद इन पत्तों के बीच छिपा बैठा है। जैसे शेरनी ने इन पत्तों को हटाया वह खुशी के मारे शेर को पुकारनें लगी। वह हाथी का बच्चा घायल पड़ा है। हमें हमारा शिकार मिल गया है। शेरनी की आंखों से कम दिखाई देता था पास जाने पर उसने देखा वह तो उसका चीकू था। वह कराह रहा था।चीकू  की आंखों में आंसू आ गए उसने अपने बच्चों को प्यार से चाटना शुरु कर दिया। चीकू बोला मां आप मुझे छोड़ कर कहां चली गई थी। मेरी टांगे झाडियों में फंस गई थी। मेरे दोस्त मीकू नें आज मेरी जान बचा ली। अगर आज मेरे दोस्त मित्र ने मुझे बचाया नहीं होता तो आज मैं इस तरह आप लोगों के सामने नहीं होता। उसने अपनी जान पर खेलकर मेरी जान बचाई है। मां आप जानकर हैरान होंगे कि वह मेरा दोस्त एक हाथी का बच्चा है। उसके पीछे भी   बहुत सारे जानवर पड़े हैं। वह भी अपनी जान बचाकर किसी झाड़ी के पीछे छिप गया होगा। उसने मुझे अपने परिवार के सदस्यों से बचाया। उसने उन्हें आगे भेज दिया। और मुझे अकेला नहीं छोड़ा शेरनी को झाड़ी के पीछे कुछ हिलता दिखाई दिया। वहां पर छिपकर मीकू अपनी जान बचाने के लिए  बैठा था। शेरनी उसके पास गई। और उसके पास जाकर उसे भी प्यार से चाटने लगी। उसने भी हथिनी के बच्चे को छोड़ दिया आज उसे पता चल चुका था कि अगर आज हाथी का बच्चा मीकू उसके बेटे की जान नहीं बचाता तो उसका बेटा उसे वापस नहीं मिलता। शेरनी अभी भी  बड़े प्यार से  मीकू को  देख रही थी। शेरनी ने शेर से कहा कि चलो यहां से चलते हैं। उसने भी मीकू को छोड़ दिया था।

उसने मीकू को कहा तुम दोनों की दोस्ती को सलाम। तुम दोनों की दोस्ती को किसी भी दुश्मन की नजर नंही लग सकती। अलविदा कह कर शेर और शेरनी वंहा से चले गए।

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