जैसे को तैसा

किसी गांव में दो दोस्त रहते थे। दोनों पक्के दोस्त थे। उन दोनों के प्यार को किसी की नजर लग गई। वे दोनों एक दूसरे के दोस्त नहीं रहे। एक दिन ना जाने  किसी बात को लेकर उन दोनों में झगड़ा हो गया।

दोनों एक दूसरे से मिलते भी नहीं थे। दूसरे दोस्त ने सोचा मैं यहां पर नहीं रहता मैं यहां से दूसरे शहर में कमाई करने  के लिए चला जाता हू। वह अपने दोस्त के पास जाकर बोला दोस्त मैं यहां से दूसरे शहर जाना चाहता हूं। सारी शिकायतें  गिले शिकवे भूल जाओ। मेरे पास जो कुछ था वह सब कुछ मैं गवा बैठा हूं। मेरे पास ले देकर अपने दादाजी की एक निशानी बची है।   उन्होंने मरते वक्त यह बंदूक मुझे दी थी।  इसे तुम धरोहर के रूप में रख सकते हो।  यह है इस बंदूक का लाइसेंस जब मैं दूसरे शहर में से कुछ कमा कर लाऊंगा तब तुम इस बंदूक को अपने पास संभाल कर रखना आकर मैं तुमसे अपनी बंदूक ले जाऊंगा। तब तक तुम मेरी बंदूक गिरवी रख लो।

 

ऋषभ बोला ठीक है तुम अपनी बंदूक यहां सुरक्षित रख सकते हो। ऋषभ ने उसे ₹5000 दिए। उसका दोस्त अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर दूसरे शहर में आ गया। उसने वहां पर व्यापार करना शुरू कर दिया। दो साल तक खूब पैसा कमाया। दो-साल बाद अपने गांव वापस आया सबसे पहले वह गांव आकर अपने दोस्त के पास जाकर बोला मेरे यार अब मैं अपने घर वापिस आ चुका हूं मैं अपनी बंदूक लेने आया हूं। यह लो अपने ₹5000 जैसे ही वह ₹5000 देने लगा उसका दोस्त बोला यार तुम्हारी बंदूक तो चोर ले गए और लाइसेंस चूहे खा गए। मेरे यार अब मैं तुम्हारी बंदूक को कहां से लाऊ? रवि   को अपने दोस्त पर गुस्सा आया।  वह अंदर ही अंदर अपने दोस्त से बदला लेने की फिराक में था। ऋषभ ने अपने दोस्त की बंदूक अपने एक पुराने कमरे में रख दी। एक दिन रवि ने देखा कुछ चोर उसके घर चोरी करने आ रहे थे।। उसने उन चोरों को अपने घर बुलाया  बोला देखो भाई मुझे पता है तुम चोरी करने आए हो। मेरे घर में तुम्हें चोरी करने के लिए कुछ भी नहीं मिलेगा ं। तुम चाहे तो मेरे घर की तलाशी ले सकते हो मेरा बच्चा और मेरी पत्नी यहां नहीं है मेरी पत्नी मायके गई हुई है चोरों ने सारा घर छान मारा। उन्हें चोरी करने के लिए कुछ भी नहीं मिला। चोर उसकी तरफ दया की दृष्टि से देखने लगे। रवि ने चोरों को बताया कि मैं तुम्हें बताता हूं कि तुम्हें चोरी करने के लिए कहां जाना है? तुम मेरे पीछे-पीछे आओ  चोर उसके पीछे पीछे चलने लगे। रवि अपने दोस्त  ऋषभ के पास जाकर बोला तुमने बंदूक चोरी हो जाने दी और लाइसेंस भी तुम इसके बदले में कुछ रुपये मुझे दे दो।  

 

 ऋषभ बोला मैं तुम्हें कहां से रुपए दूं? मैंने पहले ही तुम्हें ₹5000 दे दिए थे। रवि ने चोरों को इशारा किया दूसरे कमरे में चोरी करो। चोर  चोरी  करने के लिए ऋषभ के कमरे में घुस गए थे। ऋषभ तो अपने दोस्त रवि के साथ बातें करने में व्यस्त था। चोरों ने बंदूक खोज निकाली बंदूक को ले ही जा रहे थे तभी उनकी नजर ऋषभ पर पड़ी उन्होंने जल्दी से बंदूक का लाइसेंस ले लिया और वहां से चल पड़े। बंदूक तो जल्दबाजी में वहीं पर रह गई जैसे तैसे चोर भाग  गए। रवि ने उनको कहा तुमने बंदूक चोरी क्यों नहीं की? रवि को चोरों ने बताया कि हम बंदूक चोरी करने ही वाले थे इतनी मे  ऋषभ जी को हमारी भनक लग गई। हम वहां से भागे हमारे हाथ यह लाइसेंस ही लगा। रवि ने कहा दिखाओ तो रवि ने देखा वह लाइसेंस उसी का की बंदूक का था। वह उसकी फिराक में था कब कैसे बंदूक का लाइसेंस चोंरों से लिया जाए? रवि चोरों से बोला यह लाइसेंस तो नकली है यह तो ऋषभ का नहीं है। तुम इस लाइसेंस को वही पर रख आओ।  असली लाइसेंस ले आओ। चोरों ने कहा ठीक है एक बार हम फिर कोशिश करेंगे।

 

रवि ने अपना लाइसेंस अपने पास रख लिया चोरों को नकली लाइसेंस दे दिया चोर दूसरे दिन जब चोरी करने गए तो नकली लाइसेंस ऋषभ के घर छोड़ आए। बंदूक भी हाथ नहीं लगी। उन्होंने ऋषभ के बेटे को पकड़ लिया और उसे  ले ही जा रहे थे तो रवि ने देख लिया बोला। अरे भाई इस बच्चे को क्यों ले जा रहे हो? यह ऋषभ कोई गरीब आदमी नहीं तुम्हें पुलिस पकड़ कर सलाखों के पीछे कर देगी। तुम इस बच्चे को मेरे हवाले कर दो। मैं तुम्हें बंदूक दिलवाने की कोशिश करूंगा। चोरों को उसकी बात जंच गई। बच्चों को रवि के पास छोड़ कर चले गए बच्चा भी रवि के बेटे के साथ खूब घुल मिल गया था। वह उसका अच्छा दोस्त बन चुका था। रवि ने अपने बेटे को कहा बेटा तुम दोनों नीचे अंडरग्राउंड वाले कमरे में खेलो। जब तक मैं ना बोलूं तब तक तुम ऊपर मत आना। तुम दोनों  को खाना मैं वही भेज दूंगा। दोनों बच्चे खेलने में मस्त हो गए शाम को जब उसका बेटा घर नहीं पहुंचा तो ऋषभ सोचने लगा वह  सब किया धरा रवि का है। वह रवि से मिलने उसके घर पर चला गया। चोर ऋषभ के घर गए बंदूक चोरी की और नकली लाइसेंस भी उड़ा कर ले गए। रवि ने ऋषभ को कहा तुम क्यों आए हो? वह बोला मुझे पता है तुमने मेरे बेटे को अपने घर में छुपा रखा है। वह बोला मैं तुम्हारे बेटे को क्यों छुपाने लगा? मैं तुम्हारे बेटे को जानता तक नहीं। ऋषभ को गुस्सा आया वह पुलिस के पास जाकर बोला इसने मेरे बेटे को पकड़ा है यह मेरे बेटे को मुझे नहीं दे रहा। इसने मेरे बेटे को अपने घर में छुपाया है। पुलिस वालों ने रवि को कहा अगर तुम्हारे पास इसका बेटा है तो तुम इसके बेटे को वापस कर दो। रवि ने कहा साहब पहले उससे पूछो कि तुमने मेरी बंदूक कहां रखी।?

 

जब मैं धन कमाने गया हुआ था तो मैंने अपनी बंदूक का लाइसेंस इसके पास गिरवी रख दिया था। और बंदूक भी मैने शहर  से वापिस आ कर अपनी बंदूक मांगी तो उसने कहा तुम्हारी बंदूक तो चोर ले गए। और लाइसेंस चूहे खा गए यह कैसे हो सकता है।? इसके पास लाइसेंस के कटे हुए टुकड़े तो हो सकते थे।। ऋषभ बोला अधिकारी महोदय यह झूठ बोल रहा है। इसने ही मेरे बच्चे को छुपाया है। रवि बोला मैंने चोरों से तुम्हारे बच्चों को बड़ी मुश्किल से वापस मांगा।  वह तुम्हारे घर से मेरी बंदूक चोरी करके ले गए। मैंने उन चोरों को कहा था कि मेरा दोस्त बहुत ही झूठा है तुम इसकी बंदूक चोरी कर लो। जब तक तुम चोरी हुई मेरी बंदूक चोंरों से वापस मुझे नहीं दिलवाओगे  तब तक मैं तुम्हारे बेटे को तुम्हें दूंगा। मैंने तुम्हें बंदूक पुराने कमरे में रखते देख लिया था। चोरों ने तो बाद में वह चुराई। ऋषभ बोला आप इसके घर की तलाशी लो। रवि ने अपने दोस्त  ऋषभ को कहा अगर मैं सच कह रहा हूं तो मैं तुम  से एक साल की कीमत वसूल करके ही दम लूंगा। हर महीने के ₹2500 और 12 महीनों के ₹30000। ऋषभ बोला मुझे यह मंजूर है। साहब अगर यह झूठ बोल रहा है तो इसे मुझे ₹30000 देने होंगे। पुलिस वालों ने रवि को पूछा तुमने चोरों को किस ओर जाते देखा? रवि बोला वे अभी ज्यादा दूर नहीं गए होंगे। उन्होंने कहा था कि पास एक मंदिर है वहां पर वे थोड़ी देर विश्राम करने वाले हैं। आप जल्दी से जल्दी जाकर उनका पता करो। पुलिस वालों ने जल्दी जाकर चोरों को पकड़ लिया। उनके पास ही बंदूक निकली। लाइसेंस तो नकली था रवि बोला। साहब असली लाइसेंस तो मैंने चोरों से पहले ही चुरा लिया था। नकली लाइसेंस मैंने उन्हें दिया था पुलिस वाले ने ऋषभ के बेटे को रवि से वापस ले लिया। उसके लिए उसने रवि को 30,000 ही नहीं बल्कि बंदूक भी लौटा दी। ऋषभ का बेटा बोला मैं तो यहां बहुत ही खुश था। अंकल का बेटा मेरा दोस्त बन चुका है। दोनों दोस्त एक दूसरे के गले मिले। उन दोनों नें बुराई को छोड़कर एक-दूसरे से हाथ मिला लिया।  

Leave a Reply

Your email address will not be published.