रहस्यमयी गुफा भाग(2)

भोलू राजा के साथ गुफा के बाहर पहुंचा तो सबसे पहले अपने दोस्त को उठाने का प्रयत्न करने लगा।  अपने दोस्त को  झिझोंडनें लगा।  भोलू भोलू उठो गोलू का दोस्त  स्वपन में ही  सपना देख रहा था। वह पूरी तरह से नींद से जगा हुआ नहीं था। वह बोला हमारी भूरी कहां है? उस गाय का नाम भूरी था। वह नींद मे यह सब कह रहा था। गोलू भोलू को बोला स्वप्न में मुझे दिखाई दिया कि एक भयंकर दैत्य ने हमारी  भूरी को मार दिया। जल्दी बताओ हमारी भूरी कहां है? भोलू हैरान होकर गोलू की तरफ देख रहा था। उसने सारा हाल भोलू को सुनाया। भूरी ने  मुझ से स्वप्न में कहा कि तुम दोनों पक्के दोस्त हो। तुम आपस में मत लड़ना। मुझे लेकर परेशान मत होना। गोलू रोते रोते उसको बोला मुझे हमारी भूरी नें कहा कि वह दैत्य  कहीं तुम दोनों को भी भी नुकसान ना पहुंचाए। जहां उस दुष्ट  दैत्य ने मुझे मारा था वहां पर मेरी हड्डियों के टुकड़े पड़े हैं तुम जल्दी से जल्दी उन हड्डियों को वहां पर एक पीपल का पेड़ है। पीपल के पेड़ के पास ही एक गड्ढा है। वहां पर मेरी हड्डियों को दबा दोगे तो मुश्किल  समय में वह तुम्हारा मार्गदर्शन करेगी। मेरी हड्डियों को 5  कोनों में दबा देना। जब तुम पर कोई महान विपत्ति आएगी तब तुम इस गड्ढे को खोदकर मेरी हड्डियां निकालना। मैं तुम्हारा किसी न किसी रूप में आकर मार्ग दर्शन  करुंगी। गोलू बोला हमारी  भूरी कहां है? भोलू नें सारी कहानी सुना दी कि  हमारी भूरी को दैत्य  जादूगर नें अपना शिकार बना लिया।  तुम्हारा स्वप्न सत्य था। मैं तुम्हें छोड़कर गुफा में अंदर चला गया था। मेरे दोस्त जल्दी में गाय की हड्डियों को ले कर आता हूं उसने अपने दोस्त को सारी कहानी सुना दी थी उसने राजा सुमेर सिंह की कहानी अपनें दोस्त गोलू को सुना दी। माला के  मोती प्राप्त करके जैसे ही उनको गले में डाला तो उस जादूगर को मैं दिखाई नहीं दिया। उस माला के मोतियों में इतनी शक्ति थी कि मैं दानव को  दिखाई नहीं दिया।  उसको हराकर अपने घर आने का सौभाग्य प्राप्त किया है। अगर हमारे साथ भूरी होती तो कितना अच्छा होता? भूरी को याद कर रो रहा था। दोनों ही की जान थी भूरी।  बड़ी बड़ी आंखों वाली थी भूरी। वह  जहां भी जाते थे  उसको साथ ले  कर जाते थे। वह गाय उनकी हर दम मदद किया करती थी। सुमेर सिंह नें   कहा यह  उड़ने वाला घोड़ा तुम्हारी सहायता के बिना मुझे हासिल नहीं हो सकता था। मैं भी दानव का ग्रास बन सकता था। तुम्हारा ही इस घोडे़ पर  पहला अधिकार है। राजा ने कहा  कि तू जल्दी ही अपने घर अपने माता पिता को लेकर आना फिर हमारे महल में ही रहा करना। मैं तुम्हारी पढ़ाई लिखाई का प्रबंध कर दूंगा। जब तुम पढ़ाई पूरी कर लोगे तो मैं तुम्हें महल के मंत्री की जिम्मेवारी सौंप दूंगा। मेरा मन्त्री भी बूढा हो चला है उसे कोई एतराज नहीं होगा। राजा अपने घोड़े पर सवार होकर अपने  महल  के लिए निकल चुका  था।  उड़ने वाला घोड़ा फिर से उस रहस्यमयी गुफा की ओर मोड़ दिया। गोलू  नें गोलू को कहा कि तुमने जो सपने में देखा था  वह सत्य था।  जल्दी से जल्दी वह माला फिर से अपने गले में डाल दी थी जिससे वह  किसी को दिखाई नहीं देता था। वह जब गुफा में पहुंचा  वहां पर कोई गुफा  नहीं थी वहां केवल पीपल का पेड़ नजर आ रहा था। वह अपने मन में सोचने लगा यह तो रहस्यमयी गुफा है। अभी तो यहां ही थी। पीपल का पेड़ नहीं दिखाई देता तो वह सचमुच ही परेशान हो जाता। पास ही गाय की हडिडयां   उसे मिल गई। उसके आंसू बहनें लगे।

जल्दी ही उसने उन हड्डियों को इकट्ठा किया उसे एक गड्ढा दिखाई दिया उस गड्ढे के पास ही उसने पांचों कोनों में गाय के टुकड़े दबा दिए।भूरी की याद में वह जोर जोर से रोने लगा उस गड्ढे के पास  हड्डियों को दबाते समय उसके आंसू बह निकले। उसने अपनी गाय को अंतिम प्रणाम किया तभी उसे  आहट सुनाई दी। वहां पर गुफा फिर दिखाई दी। उसमें से हो विशालकाय दानव निकला। वह अपनी पत्नी से बोला भाग्यवान इस बार एक राजा के हाथों से मैं हार गया। मैंने उसे तो छोड़ दिया लेकिन मैं जल्दी ही उसे अपनी माला के मोती वापस प्राप्त करके ही रहूंगा। उसकी पत्नी बोली तुमने उसे  एक साल का समय दिया है। तुम जल्दी पता लगाओ कि वह राजा कहां का रहने वाला है? हमें आज ही इस गुफा को छोड़ कर जाना होगा वह राजा अगर अपनी विशाल सेना को लेकर हमें मारने आ धमका तो हम तो बूढ़े हो चुके हैं। वह हमसे  बची हुई माला के  जो मोती हैं वह भी हासिल कर ले जाएगा। वह तो हम से  दस गुना शक्तिशाली हो जाएगा। जादूगर बोला की  उन मोतीयों का तो उन्हें मालूम नहीं है कि यह एक-एक मोती कितने काम के हैं। एक एक मोती में जादू छुपा है। इकट्ठे होनें पर तो इनकी शक्ति और  भी बढ  जाती है। मोतियों के हासिल होने पर ही तो वह हमसे जीत पाया। हम यहां से सात समुद्र पार  गिरनार हवेली में हमारी बेटी रहती है। वहां पर उसके पास जाकर रहेंगे। यहां तभी आएंगे जब हमें माला के मोती प्राप्त हो जाएंगे। यह सब बातें  भोलू ने सुन ली थी।    भोलू नें देखा उस दानव नें एक   उड़नें वाला घोड़ा मंगवाया। उड़ने वाले घोड़े को कहा कि जल्दी से जाकर पता लगाओ कि वह किस दिशा में गया है। उस राजा का पता लगाकर वापस आओ कि वह राजा कंहा रहने वाला है। घोड़े में एक विशालकाय आदमी बैठा था। उसका रंग बिल्कुल काला था। देखते ही देखते उस  घोड़े नें उस दिशा में मुख जिस दिशा में राजा गया था।  भोलू नें उन दोनों को और उसकी पत्नी को एक रथ पर जाते हुए देख लिया।

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