चिड़िया

पेड़ों पर चहचहाती चिड़ियां।

शाखाओं पर मंडराती चिड़िया।।

अपनी चहचाहट से सबके मन को लुभाती चिड़िया।

एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर अटखेलियां  करती चिड़िया।।

अपने मधुर संगीत से सबके मन को हर्षाती चिड़िया

एक डाल से दूसरी डाल तक की यूं फुदकती जाती चिड़िया।।

 

सुबह से दोपहर तक एक पंक्ति में इकट्ठे होकर दाना चुगने जाती चिड़िया।

अपनी चाहत से सबके मन के दर्पण को लुभाती चिड़िया।।

 

अपनी छोटी छोटी चोंच से अपने बच्चों के मुख में दाना  डालती चिड़िया ।

 

शाम ढलने पर अपने घरों में विश्राम करने आती चिड़िया।।

 

प्यारी चिड़िया नन्ही चिड़िया।।

सब बच्चों के मन को भाती चिड़िया।।

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सूरज

सूरज की किरणों से जगमगाता है घर का हर कोना।

तन को  ताजगी प्रदान करता है इसका रुप सिलौना।

खेतों में हरियाली लाता है सूरज।

अपनी हरियाली से चारों ओर खुशियां ही खुशियां लाता है सूरज।

सुनहरी धूप से पौधों में जान डाल  देता है सूरज।

नन्हे पौधों को विकसित करके।।

पूर्व से निकलता है सुबह को सूरज।

शाम को पश्चिम में छिपता है सूरज।।

हम सबकी धरती को घना उजाला करता है सूरज ।

शरीर की चुस्ती-फुर्ती को बढ़ाता है सूरज। अपनी तेज से सभी जीवो में जान  डाल देता है सूरज।