भ्रष्टाचार है घोर अभिशाप

भ्रष्टाचार है एक घोर अभिशाप। इसने अपनी कुत्सित भावना से  विश्व का कर डाला  अविनाश।। इसका भयंकर रूप मलिन और घिनौना है। जिसने हर मानव का नींद चैन छीना है।। भ्रष्टाचार ने संपूर्ण विश्व में अपनी जड़े जमा रखी हैं। नाग बन कर अपनी कुंडली मार कर अपनी निगाहें इस देश पर टिका रखी हैं।।… Continue reading भ्रष्टाचार है घोर अभिशाप