सिसकती आहें

26/11/2018 (नई कहानी) पारो के परिवार में उसकी दो बेटियां थी। शैलजा और शीतल। पारो बहुत ही कम पढ़ी लिखी थी। उसके मां-बाप ने उसे आगे शिक्षा नहीं दिलाई थी। वह पढ़ना तो चाहती थी मगर उसके मां-बाप ने उसकी एक नहीं सुनी। वह अपने ससुराल शादी करके आ गई। ससुराल में आकर इतना व्यस्त… Continue reading सिसकती आहें