थाली में खाना जूठा मत छोड़ो

थाली में खाना जूठा मत छोड़ो।

आवश्यकता से अधिक खानें कि आदत से पीछा छोड़ो।।

अन्न में होता है अन्न पूर्णा का निवास।

जूठन बचाना होता है बर्बादी का वास।

अन्न पूर्णा का मत करो अपमान।

नहीं तो कोई भी तुम्हारा जग में कभी नहीं करेगा सम्मान।।

अपनें छोटे भाई बहनों को भी यह बात समझाओ।

भूख से कम खानें की आदत को अपनाओ।।

अपनें भोजन का कुछ भाग जरूरत मंद को दे डालो।

अपनें मुकद्दर को नेक काम करके बदल डालो।।

थोड़ा थोड़ा करके अन्न कि बचत कर  अपने जीवन को सुखमय बनाओ।

हफ्ते में एक दिन झुग्गी झोपड़ियों का चक्कर लगाओ।।

अपनें हाथ से दान कर  अपनें जीवन को जगमगाओ।

दूसरे की पीड़ा को समझ कर उन के दुःख में काम आओ।

उनकी मदद के लिए सबसे पहले आगे आओ।।

अपनें साथियों को भी इस नेक काम में शामिल करके दिखाओ।

अपनें  परिवार और उनके जीवन में भी खुशहाली बिखराओ।

हर वस्तु की बचत करना जब तुम सीख जाओगे।

कामयाबी के शिखर तक तब तुम पहुंच जाओगे।।

पानी,बिजली,सफाई और बचत को अपनी आदत में शामिल कर डालो।

इस नेक काम को करनें कि पहल अपने मोहल्ले से कर डालो।।

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