पुरानी हवेली का किस्सा

तीन दोस्त थे। अभिजीत अभिषेक और अभिनव। तीनों एक साथ कॉलेज में पढ़ते थे अभिषेक के पिता एक बड़े व्यापारी थे। अभिजीत और अभिषेक के पिता मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते थे। तीनो बहुत ही पक्के दोस्त हुए कॉलेज इकट्ठे जाते इकट्ठे वापिस आते।  1 दिन तीनों आपस में बातें कर रहे थे अभिषेक… Continue reading पुरानी हवेली का किस्सा

नटखट बालक भोलू

एक किसान था उसके एक बेटा था वह बहुत ही शरारती था उसका नाम भोलू था। वह हमेशा शरारती किया करता था। पढ़ने में उसका कभी दिल नहीं लगता था। वह स्कूल से भाग भाग कर घर आ जाता था। गांव वालों को परेशान करना और पक्षियों को पत्थर मारना घसलों को नष्ट कर देना।… Continue reading नटखट बालक भोलू

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बिछडा बेटा

एक गांव में जमुना नाम की औरत थी। उसके एक बेटा था और एक बेटी थी जमुना अपने छोटे से बेटे को लेकर अपने भाई के घर जा रही थी ।तेजू अभी केवल  तीन साल का था गाड़ी अपनी पूरी रफ्तार से चली जा रही थी रात हो चुकी थी आधी रात के वक्त तेजू… Continue reading बिछडा बेटा

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दर्जी और उसका दोस्त पुरु

एक दर्जी था। वह  रोज लोगों के कपड़े सिलकर अपनी आजीविका चला रहा था। लोगों को उस दर्जी से कपड़े सिलवाना अच्छा लगता था क्योंकि वह लोगों के कपड़े बहुत ही अच्छे ढंग से उनके नाप के अनुकूल सिलाई करता था। उसका एक बेटा था वह कॉलेज में पढ़ता था। वह अपने पापा को कहता… Continue reading दर्जी और उसका दोस्त पुरु

साहसी भोलू

एक लड़का था भोलू हमेशा शरारतें किया करता था। वह अपने दोस्तों के साथ जंगल में गौवों को चराने ले कर जाता था। काफी देर तक पशुओं को  चरा कर जंगल से वापस आता था। उसके दोस्त हमेशा उस से शर्त लगाते थे कि जो कोई जंगल की गुफा में जाकर वापस आएगा वही इंसान… Continue reading साहसी भोलू

उपहार

माधोपुर के एक छोटे से कस्बे में सविता अपने बेटे के आने की राह देख रही थी। सविता के पति सेना में शहीद हुए थे। उसके बेटे ने भी कसम खाई थी कि वह भी अपने पिता की भांति एक वीर सैनिक बनेगा। अपने बेटे की हट के कारण उसकी एक न चली सविता के… Continue reading उपहार

वारिस

शैलेश के परिवार में उनका बेटा सोनू था। वह अपने बेटे सोनू से बहुत प्यार करते थे। वह दसवीं कक्षा में आ चुका था। उसके पिता की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। सोमू अपने दादाजी रामप्रसाद जी के पास रहने लगा। उनके  दादा जी अपने पोते को बहुत प्यार करते थे। वह सोचते थे… Continue reading वारिस

चुन्नू और उसके प्रश्न

चुन्नू बहुत ही होशियार बालक था। एकदिन उसके बाबा ने उसे अपने पास बुलाया बेटा अब तुम भी स्कूल जाना शुरु कर दोगे। तुम्हें हर विषय की जानकारी होनी चाहिए। चुन्नू दौड़ा दौड़ा दादाजी के पास आकर बोला दादा जी दादा जी मैं भी अब स्कूल पढ़ने जाऊंगा उसके दादा जी बोले ठीक है। अपने… Continue reading चुन्नू और उसके प्रश्न

दो सहेलियाँ

दिव्यांशु और दीप्ति दोनों घनिष्ट सहेलियाँ  थी। दोनों ही पढ़ने में बहुत ही तेज थी। दीप्ति जो कुछ भी स्कूल में मैडम पढ़ाती उसको बहुत ही ध्यान से सुनती थी। हर पाठ को हर मुश्किल प्रश्नों को अपने समझ और सूझबूझ से याद कर लेती थी। दिव्यांशु भी पढ़ने में तेज थी मगर वह पढ़ाई… Continue reading दो सहेलियाँ

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