चुन्नू और उसके प्रश्न

चुन्नू बहुत ही होशियार बालक था। एकदिन उसके बाबा ने उसे अपने पास बुलाया बेटा अब तुम भी स्कूल जाना शुरु कर दोगे। तुम्हें हर विषय की जानकारी होनी चाहिए। चुन्नू दौड़ा दौड़ा दादाजी के पास आकर बोला दादा जी दादा जी मैं भी अब स्कूल पढ़ने जाऊंगा उसके दादा जी बोले ठीक है। अपने बाबा के पास आ कर बोला बाबा बाबा मुझे सुंदर सा बस्ता ला कर दोगे ना। उसके बाबा बोले हां बेटा तुम्हें बहुत अच्छा सा बस्ता  ला कर देंगे। चुन्नू के बाबा बोले बेटा देखो स्कूल में तुम गुरुजी के पास पढ़ोगे।। चुन्नू बोला यह गुरु जी क्या होता है।। चुन्नू के बाबा ने उसे बताया कि सबसे पहला गुरु तुम्हारी धरती मां है। उनके पैर छूकर आशीर्वाद लो। जैसे आप अपने दादा जी के पैर छूते हो वैसे धरती माता के पैर छुए जातेंहैं। उन्होंने चुन्नू को बताया तो उसने धरती मां के पैर छुए। बोला पापा यह आशीर्वाद क्या होता है।? जैसे तुम्हारे दादा जी तुम्हे कहते हैं बेटा जुग जुग जियो। वैसे ही हर बड़े लोग जब तुम उनके पैर छूते हो तो वह तुम्हें अच्छी अच्छी बातें कहते हैं। उसे आशीर्वाद कहते हैं। चुन्नू बोला धरती मां ने मुझे आशीर्वाद दिया ही नहीं। उसके दादा जी बोले जब तुम स्कूल जाओगे अच्छे-अच्छे काम करोगे वह भी तुम्हें आशीर्वाद देगी।

 

स्कूल में अध्यापक अध्यापिका जी आपकी गुरु होंगी। खुश हो गया बोला बाबा ठीक है तू जल्दी से तैयार होकर  स्कूल चल। वह बोला आज मेरा स्कूल में पहला दिन होगा। चलो बाबा मुझे स्कूल तक छोड़ने चलो। उसके बाबा ने उस की  उंगली पकड़ कर ले जाने लगे। रास्ते में चल रहे थे रास्ते में चलते-चलते चुन्नी नें एक किसान देखा। उसके पापा ने उसे बताया कि बेटा जो खेतों में हल चलाता है उसे किसान कहते हैं वह खुश हो कर बोला अच्छा उसके पापा ने बोला कि यह अपना काम कर रहा है जैसे मैं भी अपने काम पर जाऊंगा चुन्नू बोला पापा आप को क्या कहेंगे? उसके पापा बोले बेटा मैं ऑफिस में काम करता हूं। मुझे कर्मचारी कहेंगे। जैसे आपको स्कूल में जो पढ़ाया जाएगा जो आपको पढाएगा अगर वह पुरुष होगा तो उसे अध्यापक और औरत हुई तो अध्यापिका। चुन्नू को पास में ही एक आंटी हर रोज मिलती थी। वह पौधों को पानी दे रही थी। उस आंटी के पास जाकर बोला अध्यापिका जी नमस्ते। उसके पापा ने उसे कहा बेटा जो पौधों को पानी देता है उसे माली और जो पौधों को पानी देती है उसे मालिन कहते हैं। सब के अलग-अलग काम होते हैं जैसे जब तुम बीमार पड़ते हो तो जो तुम्हें इंजेक्शन लगाता है और दवाई देता है वह उसे डॉक्टर कहते हैं। जो इंजेक्शन लगाती है उसे नर्स कहते हैं। जो पहरा देता है उसे पहरेदार कहते हैं। और जो तुम्हारा पक्का दोस्त है जैसा बिट्टू जो तुम्हारे साथ हर रोज खेलता है वह तुम्हारा मित्र हुआ। जब तुम स्कूल में अपने दोस्तों के साथ पढ़ोगे जो साथ पढ़ने वाले होते हैं उन्हें सहपाठी कहते हैं। चुन्नू खुश हो कर बोला पापा अच्छा पापा कल मुझे बस्ता अवश्य लेकर आना। अच्छा बेटा स्कूल में  शरारते मत करना। अपने अध्यापकों के पैर अवश्य छूना। बड़ों के चरणों को स्पर्श करने से आशीर्वाद मिलता है। चुन्नू बोला अच्छा बाबा स्कूल में जैसे ही पहुंचा सभी बच्चे इधर उधर दौड़ रहे थे। वह इधर उधर क्यों दौड़ रहे हैं? उसके मन में प्रश्न आया। स्कूल की घंटी बजी स्कूल की एक पुरुष ने घंटी बजाई। वह उसके पास जाकर बोला अध्यापक जी नमस्ते। उसके इस प्रकार कहने पर सारे के सारे बच्चे हंसने लगे। मुख्य अध्यापिका ने बच्चों  बच्चों को अपने पास बुलाया तुम सब क्यों हंस रहे थे? चुन्नू अध्यापिका जी के पास जाकर बोला अध्यापिका जी नमस्ते फिर उनके पैर छुए। सविता  इतनें छोटे बच्चे को  ऐसा करते देखकर हैरान रह गई। उन्होंने उसे प्यार करते हुए कहा नए आए हो क्या।? वह मैडम की तरफ देख कर मुस्कुराया बोला हां मैडम। मैडम ने चुन्नू की तरफ देख कर कहा बेटा तुम तो बहुत ही समझदार हो। जब हम बड़ों से बातें करते हैं तो हां नहीं हमें हां जी कहना चाहिए। वह बोला ठीक है। सविता ने और बच्चों से पूछा तुम क्यों हंस रहे थे।? वह बोले मैडम जी यह चुन्नू चपरासी को अध्यापक कह रहा था। सविता ने चुन्नू को अपने पास बुलाया और कहा बेटा जो घंटी बजाता हैउसे चपरासी कहते हैं। प्रार्थना के बाद सभी बच्चे अपनी कक्षा में चले गए। मैडम आई मैडम ने सभी बच्चों को कहा शुभ प्रातः मैडम। वह कविता पढ़ाने लगी चंदा भी गोल सूरज भी गोल और हमारी धरती गोल। चुन्नू बड़ा खुश हुआ मैडम ने चुन्नू को कहा तुम बोलो। चुन्नू बोला मैडम मम्मी की बिंदी गोल। पापा का पैसा गोल। और दादी जी का फूलका  भी गोल। यह सुन कर सभी जोर-जोर से खिलखिलाकर हंस पड़े। उसे स्कूल में बड़ा मजा आ रहा था। स्कूल में तभी डाकिया चिट्ठी देकर गया। चुन्नू बोला मैडम उन्हें क्या पुकारते हैं।? मैडम बोली उसे डाकिया कहते हैं। यह चिट्टियां बांटता है। एक अध्यापक और एक अध्यापक जी ने उन्हें शुभ प्रातःकहा सारे स्कूल के बच्चे उनके सम्मान में खड़े हो गए। मैडम ने कहा बच्चों जैसे आपके घर में एक बड़ा मुखिया होता है जैसे कि दादा जी वैसे ही स्कूल में भी एक बड़ा मुखिया होता है। उसे मुख्याध्यापक अगर औरत हुई तो उसे मुख्याध्यापिका कहते हैं। दूसरे दिन खुशी खुशी घर आकर बोला पापा मुझे स्कूल में बहुत ही अच्छा लगा। पापा आप मेरा बस्ता लाए या नहीं। उसके पापा बोले मैंने तुम्हारे लिए लाल और नीले रंग की धारियां वाला बस्ता लिया था। ना जाने मेरी गाड़ी की डिक्की में किसी ने उठा लिया बस्ता चोरी हो गया। चोर ले गया होगा।

 

वह बोला पापा चोर क्या होता है।? उसके पापा बोले जो किसी की चीज भी बिना पूछे उठाता है उसे चोरकहते हैं बेटा। हमें चोरी नहीं करनी चाहिए। जो चोरी करता है उसे दंड मिलता है। वह बोला बाबा दंन्ड क्या होता है? उसके पापा बोले बेटा जैसे आप जब दूध नहीं पीते तो मम्मी आपको कभी मारती है। उसे दंड कहते हैं। चुन्नू बोला दंड कौन देता है।? उसके पापा बोले चोरी करने वाले को पुलिस पकड़ कर ले जाती है। पुलिस का काम होता है चोरी करने वाले को सजा देना। उसके पापा बोले अच्छा बेटा अब तुम सो जाओ। तुम्हें मैं कल दूसरा बस्ता ले आऊंगा।

 

दूसरे दिन स्कूल में पहुंचा मैडम ने चुन्नू से कहा बेटा तुम्हारा बस्ता तुम्हें पापा लेकर आए। वह बोला मैडम जी मेरा बस्ता तो किसी ने चोरी कर लिया। मैडम बोली देखो बेटा किसी को भी चोरी नहीं करनी चाहिए। चोरी करने वाले को पुलिस सजा देती है। वह बड़े-बड़े बच्चों को पढ़ा रही थी जिस किसी की भी चीज चोरी हो जाती है उसको पुलिस में रिपोर्ट लिखवानी पड़ती है। मैं तुम्हें आज रिपोर्ट लिख कर बताती हूं। मैडम ने रिपोर्ट लिखना शुरू किया जैसे चुन्नू का बैग गुम हुआ मैं रिपोर्ट लिख रही हूं।। मेरा नीले और लाल धारियों वाला बस्ता इस कॉलोनी नंबर 4 से गुम हो गया है। जो कोई मेरा बैग पहुंचाएगा उसे मैं उपहार अवश्य दूंगी। सविता घर का पता 7532 कॉलोनी बिहार। वह बोला ठीक   

 

चुन्नू बोला मैडम उपहार क्या होता है? मैडम बोली बेटा जब आपको कोई चीज प्यार से देता है उसे उपहार कहते हैं। जैसे मैं तुम्हें एक पेंसिल दे रही हूं। तुम बहुत होशियार हो यह तुम्हारा उपहार है। घर आकर चुन्नू ने सोचा क्यों ना मैं थाने चलकर अपना बस्ता गुम होने की रिपोर्ट कराता हूं मेरा बस्ता मिल जाएगा वह बिना किसी को बताए थाने पहुंच गया उसका घर थाने के पास ही था। वह अंदर जाकर दरवाजा खटखटाने लगा। उसके बाबा ने कहा था कि बेटा जब भी हम कहीं किसी के घर जाते हैं तो हमें पहले दरवाजा खटखटाकर ही अंदर जाना चाहिए। जैसे ही चुन्नू ने दरवाजा खटखटाया थानेदार आकर बोला क्या है? वह खर्राटे ले रहा था। कौन है सोने भी नहीं देते।? उसकी मम्मी ने उसे बताया था कि जब हम किसी से मिलते हैं तो उसे अपना परिचय देते हैं और उसका परिचय पूछते हैं। उसने थानेदार को बताया कि अंकल मैं इस कॉलोनी से आया हूं। मेरा बैग गुम हो गया है। वह व्यक्ति बोला तब मैं क्या करूं। चुन्नू बोला मेरे बाबा कहते हैं जब किसी की कोई वस्तु गुम हो जाती है तो थाने जाना चाहिए तब तक पुलिसवाला आ चुका था। चुन्नू बोला अंकल नमस्ते। मेरा बैग गुम हो गया है पुलिस वाले ने उसे ऊपर से नीचे देख कर कहा बेटा उसके लिए तो रिपोर्ट लिखवाने पड़ती है। चुन्नू जैसे ही रास्ते से चलता जा रहा था उसके दिमाग में एक योजना आई वह सोचने लगा मैडम ने कल ही रिपोर्ट लिखी थी। मैं उस रिपोर्ट को लेकर कल हाजिर हो जाऊंगा। तब तो मुझे मेरा बस्ता मिल ही जाएगा।

 

दूसरे दिन मैडम की लिखी हुई रिपोर्ट मेज पर पड़ी थी वह उसे उठाकर पुलिस वाले के पास ले जाकर बोला यह रिपोर्ट में लिखवा कर लाया हूं। आप मेरा बस्ता जल्दी ढूंढो। मैं चोर को पकड़ पाऊंगा। पुलिसवाला थानेदार को बोला इसकी रिपोर्ट रख दो पुलिस वाले ने वह रिपोर्ट रख दी।

 

चुन्नू खुश होकर घर आ गया वह बहुत ही खुश नजर आ रहा था। उसके मम्मी पापा बोले पहले तो बस्ते के लिए तंग कर रहा था। अब बस्ता गुम हो गया तब भी वह खुश है। चुन्नू के दादाजी बोले कोई बात नहीं जब मैं इसकी उम्र का था तो मैं भी ऐसे ही मस्त रहता था। पुलिसवाला जब थानें पहुंचा तो उसने एक व्यक्ति को लाल और नीली धारियों वाले बैग ले जाते देखा। पुलिस वाले ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया उस व्यक्ति से वह बैग छिन लिया उस बैग में बहुत सारा सामान था। पुलिस वाले ने जल्दी से उस पते पर चलकर वह बैग सविता मैडम के घर भिजवा दिया। सविता ने जैसे ही बैग देखा वह हैरान हो गई। अपनी नौकरानी से बोली यह थैला कौन दे कर गया वह सोचने लगी यह बैग मेरे पति ने भिजवाया होगा।

 

चुन्नू घर पहुंचा तो उसने अपने पापा को कहा पापा मुझे नया बस्ता लाने की जरूरत नहीं है पापा मुझे उसकी मम्मी उसे नाराज होकर बोली तुम इतनी देर बाहर क्यों रहे? मैं तुम से बात नहीं करूंगी। वह बोला मैं आज पुलिस थाने गया था। वहां पर मैंने पुलिस ऑफिसर को कहा कि मेरा बैग गुम हो गया है। मुझे मेरा बस्ता वापस मिलना चाहिए। उसकी मम्मी हंसने लगी बोली तुम छोटे से बच्चे पुलिस वाले  के पास कैसे पहुंच गए। मुझे मेरा बस्ता जल्दी ही मिल जाएगा। उसके बाबा दादा भी उसकी नादानी पर हंसने लगे।

 

शाम को जब सविता के पति ने कहा कि मैंने तो कोई बस्ता नहीं भिजवाया था तो वह    चौकी। उन्होंने देखा उस बैग में हीरे थे। हीरे देखकर मैडम और उसका पति दोनों पुलिस थाने गए। सविता पुलिस इंस्पेक्टर से बोली आपने यह थैला हमारे घर क्यों भिजवाया थानेदार बोला ना जाने तीन-चार दिनों से एक छोटा सा बच्चा आकर हमें तंग कर जा रहा था ना जाने कितने सवाल करता है? आपने अपने बच्चे को क्या खाकर पैदा किया था। ऐसे ऐसे सवाल करता है कि बड़े भी उसका उत्तर देने में हिचकिचाते हैं। वह बोली वह मेरा बेटा नहीं है वह तो मेरा शिष्य है। थानेदार बोला आपने ही तो इस पते पर बैग लाने को कहा था यह आपका बैग नहीं है तो किसका है?

 

मैडम चौकी उसे एक दम याद आया कि चुन्नू ने उसे बताया था कि मेरा बस्ता गुम हो गया है कहीं उसने ही तो यह रिपोर्ट उठाकर वह तो यहां नहीं ले आया। मैं तो उसे समझा रही थी वह तो छोटा सा बच्चा है मैं बड़े बच्चों को समझा रही थी कि अगर तुम्हारी कोई वस्तु गुम हो जाए तो पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने पड़ती है। उसमें मैंने अपना पता लिखकर बताया था कि ऐसे रिपोर्ट लिखते हैं। वह मासूम मेरी रिपोर्ट उठाकर ले आया।

 

पुलिस इंस्पेक्टर भी हैरान रह गए जब उन्होंने बैग खोला तो उसमें कीमती हीरे थे। पुलिस इंस्पेक्टर ने वह बैग वहीं रख दिया। वह चुन्नू के पिता के घर गए। उन्हें सारी बात बताई उन्होंने चुन्नू के पिता को कहा कि तुम उस बैग को आज फिर डिक्की में रख देना। हमने उस बैग में नकली हीरे रख दिए हैं। चोरी करने वाला उस डिक्की मैं फिर चोरी करने आएगा। हम उसे रंगे हाथ पकड़ लेंगे।

 

पुलिस इंस्पेक्टर ने वह नीली और लाल परियों वाला बैग चुन्नू के पापा की गाड़ी में रख दिया पुलिस इंस्पेक्टर जहां सोनू के पापा गाड़ी खड़ी खड़ी करते थे वहां पर सामान्य वर्दी में इधर-उधर टहलने लगा। सोनू के पापा ने चुन्नू को कहा बेटा एक-दो दिन में असली चोर को हम पकड़ ही लेंगे। तुम्हारा बैग तुम्हें मिल जाएगा तुमने तो पुलिस वाले के पास रिपोर्ट  करा दी है वह बोला पापा हां। उसके पापा बोले बेटा देखो हमने उस थैले में नकली हीरे छुपा दिए हैं। हमें चोरी छुपे छुपे देखना है कि वह उस बैग को लेने आता है या नहीं। चोर को पता लग गया था कि डिक्की में ही बैग पड़ा है। उन्होंने कंही वह बैग उठा  तो लिया है या नंही मगर इस थैले में तो मैंने हीरे डाले थे। इससे पहले कि वह इस बैग को गाड़ी से निकाले मुझे आज रात को ही यह बैग निकालना होगा।

 

चोर उसके घर के पास ही इधर-उधर घूमने लगा। चुन्नू ने उसको घूमते देख लिया था। उसकी आंखों में नींद नहीं थी। उसकी आंखों में चोर का चेहरा घूम रहा था। उसके पापा ने उसे बताया था कि बेटा आज चोर फिर बैग लेने आएगा। तब हम चुपके से उसे पकड़ लेंगे हम चुपके से उसे पकड़ लेंगे। हम तुम्हें अभी बैग दे देते तो हम उसको पकड़नहीं सकते थे। चुन्नू को नींद नहीं आ रही थी। चुपचाप गैरेज में गया उसने एक आदमी को गैरेज में जाते हुए देखा। आधी रात का वक़्त था जिन्होंने अपने पापा को जगाया। पापा वह आदमी बैग लेने आ गया है। उसके पापा बोले क्या? उन्होंने सोचा चल कर देखूं कहीं चुन्नू ठीक ही तो नहीं कह रहा है।

 

उन्होंने देखा समझ सचमुच अंधेरे में उनकी गाड़ी मैं एक आदमी घुस गया था। जैसे ही वह गाड़ी के अंदर बैग लेने गया सोनू के पापा ने गाड़ी लॉक कर दी और गैरेज का दरवाजा बंद कर दिया। पुलिस वालों ने उसे दबोच लिया। चुन्नू नें देखा पुलिस वालों ने उसे हथकड़ियां पहनाई। उसके पापा ने चुन्नू को कहा बेटा इसको इसका दंड मिल गया। वह गैंग का आदमी था। जो चोरी करता था। उस बैग में से 5000000 के हीरे बरामद किए गए। चोर को पकड़वाने वाले के लिए सरकार ने इनाम घोषित किया था। सरकार ने चुन्नू को ₹100, 000 का इनाम देकर उसकी बहादुरी के लिए उसको सम्मानित किया गया चुन्नू की बहादुरी की सब ने प्रशंसा की

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