बातचीत कि कला हो जिस की निराली।
जीवन में छलके जैसे मधु रस कि प्याली।।
कम से कम शब्दों में दूसरों के तथ्यों को समेटनें कि कला हो न्यारी।
आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाने कि क्षमता हो जिसमें सारी।।
मन के भावों को अभिव्यक्त करनें कि कला है सिखलाती।
दुसरों के विचारों को ग्रहण करनें कि और ,
अपनें विचारों को दुसरे के समक्ष रखनें का नजरिया है समझाती।।
निपुणता,साहस,और सूझबूझ से काम लेना है सिखाती।
मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास कर उसे हर काम में प्रसिद्धि है दिलाती।।
मानव स्वभाव को पहचाननें की शक्ति है दिखलाती।
स्वभाव में परिवर्तन कर उन में हौंसला है जगाती।।
बगिचे समान मन कि वाटिका में हिलोरें है खाती।
आशा,निराशा,सुख दुख के सभी भावों को हैं जगाती।।
मानव मन में सुन्दर विचारों का समावेश है जगाती।
कलुषित विचारों को नष्ट करके अच्छे संस्कार है लाती।।
योग्यता और व्यवहार कुशलता के बल पर हर जगह व्यक्ति को प्रशंसा है दिलवाती।
सतत् अभ्यास,धैर्य और अटूट विश्वास से भाषा का कौशल है बढ़ाती,
उस को प्रथम श्रेणी कि श्रंखला में बिठा कर उस का मनोबल है बढ़ाती।।
मानव स्वभाव को परिवर्तन करनें की क्षमता है बढ़ाती।
ज्ञानेन्द्रियो को जगा कर हृदय में आत्मविश्वास का जादु है चलाती।
मन के हर एक कोनें में शान्ति और प्रफ़ुल्लता का एहसास है दिलाती।
आत्मविभोर हो कर निपुणता से हर काम को दक्षता से करनें का यन्त्र है सिखाती,
सार सार को गहि रहे,थोथा देर उड़ाय वाली कहावत का अनुसरण है करवाती।
एकाग्र मन से काम करनें पर जटिल से जटिल समस्या का हृदयंगम करनें में मदद है दिलवाती।।