मिन्नी का जन्मदिन

मिन्नी स्कूल से घर लौट कर कर हर रोज़ की तरह अपनी सहेलीयों के साथ खेलनें के लिए निकल जाती थी। सभी अपने अपने भाइयों की तारीफ करते नहीं थकती थीं। वे आपस में एक दिन कहने लगी कि राखी का त्यौहार नज़दीक आ रहा है । कोई कहती थी मैं तो अपने भाई के लिए तरह-तरह के उपहार लेकर जाऊंगी, अपने हाथों से तैयार करके उसे सुंदर सी राखी बना कर  राखी बांधूंगी। यह सुनकर मिन्नी तड़प उठती। उसका तो कोई भी भाई नहीं जिसके लिए वह राखी बनाए। वह अपने हाथों से अपने भाई को सुंदर सी राखी स्वयं बनाना चाहती  थी।

उस दिन मिन्नी का स्कूल में भी दिल नहीं लगा। वह भी इस बार अपने हाथों से सुंदर सी राखी बनाकर अपने भाई को बांधना चाहती थी। घर आते ही उसने अपनी मिट्टी की गुल्लक तोड़ी। सारे  सिक्के बटोरे, जल्दी से सखियों के साथ वह बाजार गईं,  कुछ सामान ले कर घर वापस आ गई।

घर आकर अपनी मां को बोली की मां मां मैं इस बार अपने हाथ  से बनाई हुई राखी किसे बांधूं? उसकी मां बोली कि बेटा उदास नहीं होते। मैं तुझे बताऊंगी कि तू किसे राखी बना कर देगी। मिनी की मां उसे बाहर बरामदे में ले आई।

वंहा कई सारे वृक्ष लगे थे।उसकी मां बोली मैं भी इसी तरह भाई ना होने पर उदास रहा करती थी। तुम यह मत सोचो कि तुम्हारे कोई भाई नहीं है। यह भी तुम्हारे भाई से भी कम नहीं है। मैं  जब ब्याह कर इस घर में आई  तो देखा कि हमारे घर में एक पीपल का पेड़ लगा हुआ था। मैं यहां आकर बहुत ही खुश हुई। मैं इस पीपल के पेड़ को अपने परिवार का सदस्य मानने लगी ।तुम देख रही हो कि इसकी जड़ें कितनी दूर दूर तक फैली है ।तुम मेरे साथ  हर रोज़ आकर यहां पर पानी चढ़ाती हो । यह पेड़ हमारे घर के सदस्य हैं । वह हमारी सहायता करते हैं जिससे हमें शुद्ध हवा मिलती है ।  यह हमें  मीठे फल भी देते हैं। तुम  गर्मियों में इस बगिया में चारपाई लगा कर सो जाती हो। गर्मियों में वृक्ष  छाया देता है। पेड़ के पत्तों और जड़ों  से दवाईयां भी बनती है।  वृक्षों का धार्मिक ग्रन्थों में और वेदों में  महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे शास्त्र ग्रंथ में वृक्षों को पूजा भी जाता है। बेटा तुम अपनी वाटिका में अपने जन्मदिन पर एक एक पेड़ अवश्य लगाना। राखी वाले दिन तुम एक पेड़ लगा कर उसे  राखी अवश्य बांधना देखो तब तुम्हें कितना आनंद आएगा।

यह सुन कर  मिन्नी बहुत खुश हो गई। उसने  अपने जन्म दिन पर  एक पेड़ लगाया। उसकी मां बोली कुछ सालों बाद यह भी तुम्हारी तरह बड़ा हो जाएगा इस से तुम्हें खाने को मीठे मीठे फल प्राप्त होंगे ।मिन्नी हर रोज अपने घर के बगिचे में आ जाती । उसकी माताजी ने उसे  बताया था कि बेटा पेड़ों को भी संगीत बहुत ही पसंद होता है ।वह भी संगीत की धुन सुनकर खुश होते हैं ।जब तुम यहां पर संगीत सुनकर अपने दोस्तों के साथ खेलोगे तो उन्हें भी अच्छा महसूस होगा। मिन्नी अब खुश रहने लगी थी। वह हर साल  पीपल  के पेड़ पर राखी  बांधती थी।अपने पेड़ का बहुत ध्यान रखती थी। अच्छी खाद पानी देना उसकी दिनचर्या में शामिल था। उसके पेड़ को लगे हुए सात साल हो चुके थे। वह पेड़ भी अब बड़ा हो चुका था  मिनी भी अब कुछ बड़ी हो चुकी थी।

कक्षा में अध्यापक आज जैसे ही आए बच्चे कक्षा में शोर कर रहे थे। अध्यापिका बोली बेटा चुपचाप पढ़ाई करो मुझे आज बहुत काम है। बच्चे सब अपने-अपने कामों में लग गए।

उसकी  कक्षा अध्यापिका आज बहुत ही उदास थी। उसे पता चला गया था कि बच्चों को हम बिना वजह डांट डपट कर देते हैं। बच्चे तो कोरे कागज की तरह होते हैं जैसा हम उन्हें संस्कार देंगे वह वैसे ही बन जाते हैं ।आज उन्हें किसी बच्चे के घर जाने का  सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वहां जाकर उस बच्ची से मिल कर अध्यापिका जी की आंखें नम हो  गईं। वह बच्ची एक टांग से लंगडी थी। स्कूल नहीं जा पा रही थी। उसकी मां कह रही थी स्कूल से उसे निकाल दिया गया था क्योंकि वह समय पर नहीं पहुंच पाती थी। उसका घर दूर था। उसके मां-बाप भी पढ़े-लिखे नहीं थे लंगडी होने के कारण उस बच्ची ने स्कूल छोड़ दिया था उसको देखकर अध्यापिका को बड़ा बुरा लगा।  वह अब  हर एक बच्चे के बारे में जानकारी जुटाया करेगी ।वह सभी बच्चों को आगे लेकर आएगी जिन को हालात  नें स्कूल छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

स्कूल में सब बच्चे आपस में बातें कर रहे थे। कक्षा अध्यापिका बच्चों की बातों को ध्यान से सुन रही थी। पारुल, मिन्नी को बोली  कल हम जान गए थे तुमने अपने जन्म दिन पर क्या उपहार खरीदा? इस बार तुम नें सुन्दर सी राखी भी खरीदी थी। हम पूछना ही भूल गए तुम्हारे तो कोई भाई नहीं है । तुम हर साल राखी भी खरीदी हो और  त्यौहार पर  गिफ्ट भी  ले जाती हो। हमने तो तुम्हारे घर पर तुम्हारे भाई को कभी नहीं देखा। वह पढ़ने स्कूल क्यों नहीं आता ?

मिन्नी बोली कि वह चल नहीं सकता और बोल नहीं सकता। उसके इस उत्तर पर सभी सहेलियां चुप हो गई। अध्यापिका यह सब देख रही थी। बोली बेटा तुमने तो हमें कभी भी नहीं बताया कि  तुम्हारा भाई स्कूल नहीं आ सकता। वह बोल नहीं सकता। मैं तुम्हारे घर पर उसे पढ़ाने आ जाया करूंगी। सभी सहेलियां अध्यापिका जी को बोली इस का जन्मदिन राखी  वाले दिन ही है।  हम सब इसके घर इसका जन्मदिन मनाने जाएंगे। इससे पहले कि मीनू कुछ बोलती अध्यापिका ने उसे इशारे से चुप करवा दिया। तुम्हारी कोई बात नहीं चलेगी। आज से हम सब बच्चों के घर उनके जन्मदिन पर चला करेंगे । तुम्हारे माता-पिता से भी मिलना हो जाया करेगा।

घर आकर मिनी उदास हो गई। वह अपनी मां को  बोली  कि मां मेरी सहेलियां और मेरे दोस्त मेरे जन्मदिन पर हमारे घर आएंगे ।हमारी कक्षा अध्यापिका भी आएगी ।उसकी मां बोली बेटा तो तू डर क्यों रही है? वह बोली कि मैंने उन्हें कहा है कि  मेरे भी एक भाई है।  सभी सहेलियां  कह रही थी कि हमारे भाई हमारी रक्षा करते हैं। तुम्हारा भाई तो चल भी नहीं सकता वह तुम्हारी कैसे रक्षा कर पाता है ?

सभी सहेलियां राखी वाले दिन उसके जन्मदिन पर मीनू के घर पहुंच गई थी। उसकी अध्यापिका भी आकर मीनू की मां से बातें करने में व्यस्त हो गई। सभी सहेलियां  मीनू को कहनें लगी कि तुम्हारा भाई नहीं दिख रहा वह कहां है?  वह बोली मैं अपने भाई को भी तुम सभी से मिलवाऊंगी। पहले हम यंहा मौज मस्ती कर लेतें हैं।

गर्मियों के ‌दिन थे। उसकी सभी सहेलियां कैसेट चला कर डान्स करनें लगी।अचानक ही लाईट चली गई।गर्मी के कारण सभी का बुरा हाल हो चुका था।उसकी मां बोली बाहर पेड़ की छाया में डान्स का आनन्द मनाओ।सभी की सभी सहेलियां बाहर आ गई‌। मीनू उन्हें अपने बगिया में ले गई।

उसने उस बगिया में एक सुन्दर वृक्ष लगाया था। उसमें उसने अपने हाथों  उस वृक्ष को राखी बांधी। वह अपनी सहेलियों की ओर देख कर बोली यह है मेरा भाई । मैंने तुम्हें बताया था कि वह चल नहीं सकता  और बोल नहीँ सकता।सारी सहेलियां हैरान हो कर उसे देख रही थी। इसके साथ मुझे खेलना और मस्ती करना अच्छा लगता है। वह भी मेरे साथ झूमता गाता है मिन्नी बोली।यहां पर हम संगीत बजाते हैं ।यहीं पर कैसेट चला कर संगीत का आनंद लेते हैं । पारूल बोली लाईट तो चली गई है। पूनम बोली यह म्यूजिक प्लेयर सैल से भी चलता है।  यहां संगीत का भरपूर आनन्द लेते हैं।  मेरी मां कहती है कि  यह जो पीपल का पेड़ है यह तुम्हारा भाई है।  मेरी मां जब से ब्याह कर यहां आई थीं वह तभी से इस पीपल के पेड़ को अपने घर का सदस्य मानती है। कहती है कि वह हमारे घर का सदस्य है। पेड हमारे  मित्र‌ हैं। हमें इनका सम्मान करना चाहिए। इसलिए हर रोज मैं भी यहां आकर पीपल की पूजा करती हूं और पानी  चढ़ाती हूं।यह सुन कर उनकी अध्यापिका जोर से हंस पड़ी।।ओ, अब समझ गई ये चल बोल नही सकता।उसने मुस्कुराते हुए मिन्नी को शाबाशी  दी और कहा सचमुच पेड हमारे लिए बहुत महत्व पूर्ण है सब को ऐसा जरूर करना चाहिए।मिन्नी बोली

मेरी मां आज बहुत सारे पौधे लेकर आई है।मिन्नी बोली हम  सब आज अपने हाथों से एक-एक पौधा लगाएंगे और इनकी हिफाजत भी करेंगें। सभी लड़कियों ने खुशी खुशी हामी भरी।।उसकी मां तभी हाथ में  एक-एक पौधा लेकर आई और मिन्नी की सहेलियों को बोली बेटा तुम भी अपने हाथों से मिन्नी के जन्मदिन पर एक-एक पौधा लगा दो। सब की  सब सखियाँ यह सुन कर बहुत ही खुश हुई। कक्षा  अध्यापिका भी बच्चों को बोली की बेटा इस नेक काम में वह  भी तुम्हारा साथ देंगी ।मैं भी तुम्हारे साथ एक पौधा लगाऊंगी ।।बीच-बीच में आकर तुम सब इसको पानी दे जाया करना। इसकी देखभाल करना जरूरी होता है ।हमें पेड़ों को काटना नहीं चाहिए।

मीनू ने पीपल के पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस पेड़ पर बहुत सारे पक्षियों ने अपना घोंसला बनाया हुआ है ।यहां पर नेवले भी रहते हैं। मैं यहां पर गर्मियों में चारपाई लगा कर सो जाती हूं ।ठंडी ठंडी हवा के झोंके से और सुबह-सुबह पक्षियों की चहचहाट से मेरा मन बहुत ही खुश हो जाता है।

कुछ बच्चे आज मिनी और उसकी सहेलियों को मजा चखानें आ गए थे। वे छिप कर  सारी बातें सुन रहे थे।.वह एक बड़ी योजना बना कर आए थे हम  आज इनके वृक्ष को उखाड़ कर  ही दम लेंगें। वह यह सब  देख रहे थे कि कब जैसे यह सब सहेलियां यहां से अंदर जाए। हम  तब उसकी वाटिका को तहस-नहस कर देंगे ।हमें अपनें साथ  खिलाती भी नहीं है  वे सभी छुप-छुपकर पीपल के पेड़ के पीछे से उनको देख रहे थे।  वहां पर छोटी सी चारपाई लगी थी।। नीचे चटाई बिछाई थी।  डांस कर कर  के सभी लड़कियां थक गई थी। सभी  सखियाँ  विश्राम करने लगी। थोड़ी देर बाद वे सभी सुस्तानें लगी कुछ चारपाई पर सो गई और कुछ चटाई पर ।

लड़के तो इसी ताक में थे कि कब जैसे  सभी सखियाँ सो जाएं और मौका पा कर उनके पौधों को  वह नष्ट कर देंगे। उसके पेड़ को भी उखाड़ देंगे ।लड़कियों को भी नींद आ चुकी थी

सभी सो चुके तो लडके  चुपके से उन के  पास पहुंच   गए। तभी लड़कों ने देखा कि एक  सांप उन की ओर बढ़ रहा था।  सभी   एकदम डर के मारे   कांपनें लगे।. सांप को देख कर पेड पर बैठी चिडियों नें चहचहाना शुरु कर  दिया।उन की चहचहाहट सुन कर नेवले सतर्क हो गए कि आसपास कोई खतरा है।  नेवलों.के मुखिया ने  बाहर आ कर देखा कि एक जहरीला सांप  पेड के नीचे सोई लडकियों की तरफ आ रहा था।  अचानक वह उन  बच्घो की ओर बढ़ने लगा। नेवले ने पीपल के पेड़ के ऊपर से सब देखा। वह जल्दी से पेड़ पर से उतरा और सांप  के साथ  लड़ने लगा  ।

सांप के साथ काफी देर तक  जम कर लडाई की । नेवले ने आखिर में  सांप को मार डाला और उन लड़कियों को बचा दिया। लड़के  छिप छिप कर  यह सब माजरा देख रहे थे नेवले और सांप की लड़ाई को उन्होंने अपने मोबाइल में कैद कर लिया था।  उस नेवलें ने हमें आज नहीं बचाया होता तो आज हम सुरक्षित नहीं बच सकते थे ।आज कहीं जाकर हमें एहसास हुआ है कि हम कितने  गल्त  थे? हम यहां आए तो पेड़ों को काटने  थे मगर मिन्नी ने तो हमें सीख दे डाली। हम भी  आज से कसम खातें हैं  अपनें अपनें घरों में जा कर   एक एक पेड  पौधा अवश्य लगाएंगे जिससे हम स्वच्छ वातावरण मैं खुली सांस लेंगे ।

सभी बच्चों ने  आ कर  मिन्नी को जन्मदिन की बधाई दी  और बहुत  शर्मिन्दा हो कर  सब सच सच बता दिया.और संकल्प लिया कि वह कभी भी पेड़ों को  नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।हम भी अपने घर जा कर  हर एक दोस्तों को पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए  प्रोत्साहित  करेंगे।अपने घरों में एक एक पेड़ अवश्य लगाएंगे।

मिन्नी ने अपने सभी दोस्तों को कहा कि तुम्हें एहसास हो गया है कि हमें पेड़ों को काटना नहीं चाहिए ।यह हमारी रक्षा करते हैं और हमें खाने के लिए भी देते हैं और हमारी रक्षा भी करते हैं। सप्ताह में एक बार आकर वह उस पेड़ के नीचे खूब मस्ती करते थे ।अगले साल जब  राखी का त्यौहार आया तब सभी  सहेलियों ने उस वृक्ष को  राखी बांधी और एक नया पौधा लगाकर खुशी जाहिर की।

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