हम नन्हें नन्हें हैं बच्चे

हम नन्हे नन्हे बच्चे,

नादान उम्र के हैं कच्चे।।

भोले भाले दिल के सच्चे।

मासूम और सच्चे बच्चे।।

लिखना पढ़ना क्या जानें?

हम तो अभी अक्षर भी न पहचानें।।

केवल मां की ममता को ही जानें।।

हम नन्हे नन्हें हैं  बच्चे 

नादान उम्र के हैं कच्चे।

मासूम और सच्चे बच्चे।।

हमें डांट फटकार से डर लगता है।

केवल मातापिता का संग ही अच्छा लगता है।

हमें तो आजादी भरा वातावरण ही अच्छा लगता है।।

हम से ज्यादा पढ़ाई न करवाओ।

हमें खेल  खेल में सब कुछ  समझाओ।।

हमारे संग बच्चा बन कर धमाल मचाओ।।

रूखा व्यवहार मत अपनाओ।

अपनें चेहरे पर हंसी का नूर लाओ।।

होम वर्क  विद्यालय में ही करवाओ।

चित्र कारी   करनें का अवसर दिलवाओ।।

हम हैं नन्हें नन्हें बच्चे।

नादान उम्र के हैं कच्चे।

भोले भाले दिल के सच्चे बच्चे।।

हमें हाथ पकड़ कर ही लिखना सिखाओ।

गन्दा लिखनें पर आंखें मत दिखाओ।

हम पर  जबरदस्ती मत चलाओ।।

मैडम हम तो हैं नन्हें नन्हें बच्चे।

नादान उम्र के हैं कच्चे।

भोले भाले दिल के सच्चे।।

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