अपनें पराए

किसी गांव में मोनू और सोनू दो भाई थे। मोनू अपने परिवार में बड़ा बेटा था। सोनू छोटा। मोनू और सोनू के माता-पिता नहीं थे। मोनू अपने भाई को बहुत ही प्यार करता था। वह उसकी आंखों में कभी भी आंसू नहीं देखना चाहता था। उसने बचपन से ही अपने भाई को मां और बाप… Continue reading अपनें पराए

जीनें की राह

किसी गांव में वैशाली नाम की एक औरत थी। उसके एक बेटा था। वह कपड़े सिल सिल कर अपना तथा अपने बेटे का पेट पाल रही थी। उसके पिता नहीं थे। उसका बेटा आठवीं कक्षा में पढ़ता था। किशन बहुत ही होशियार था उसके गुरुजन उस से बहुत प्यार करते थे। वह जो कुछ अध्यापक… Continue reading जीनें की राह

मंजिल

अपनी मंजिल को तलाशते तलाशते। यूं ही राही चला चल चला चल चला चल। यूं ही मुस्कुरा कर यूं ही बेखौफ होकर चला चल चला चल चला चल।। सपनों के भवर में तुम यूं ना खो जाना। कठिनाइयों से घबराकर अपने पथ से यूं न विचलित हो जाना।। परेशानियों में जो ना डगमगाए। वही इंसान… Continue reading मंजिल

सही रास्ते का चुनाव

एक छोटा सा गांव था। गांव के समीप ही झुग्गी झोपड़ी वाले लोग रहते थे। उनमें एक मजदूर भी रहता था। उसका नाम था शेर सिंह जैसा नाम था उसी के समान काम करनें वाला। शेर सिंह इतना ईमानदार था कि हर काम को सूझबूझ के साथ करता था। हर रोज सुबह मजदूरी करने निकल… Continue reading सही रास्ते का चुनाव

वापसी

किसी गांव में करतार और भरतार दो दोस्त थे। दोनों दोस्तों की दोस्ती इतनी प्रगाढ थी कि इकट्ठे खेलते शरारते करते और पेड़ों पर कूदते राहगीरों को तंग करना खूब मौज मस्ती में उनका समय व्यतीत हो रहा था। दोनों ही कृषक परिवार से संबंध रखते थे। दोनों का एक दूसरे के साथ इतना मधुर… Continue reading वापसी

अनपढ़ बहू

रुपेश कारगिल की वादियों में एक सिपाही के रूप रूप में तैनात था वह अब की बार छुट्टियों में अपनी बहन के पास गांव आया हुआ था गांव में आ कर उसे अपने बचपन के दिन यादें ताजा हो गई। वह हर साल अपनी बहन के पास कुछ दिन के लिए उसके पास आ जाता… Continue reading अनपढ़ बहू

कौवे और कोयल की वार्ता

एक दिन कौवा कोयल से बोला। तू भी काली मैं भी काला। कुदरत नें ये क्या अनर्थ कर डाला।। तुम्हें कोयल रानी कहकर सभी बुलाते हैं। मुझको कुरुप समझ कर के मुझे सब चिढातें हैं।। तुम डाल-डाल पात पर चढ़कर मधुर ध्वनि से कूक-कूक करके अपना प्यार जताती हो। मीठी ध्वनि सुना कर सबके मनों… Continue reading कौवे और कोयल की वार्ता

घर की फुलवारी

एक बच्चा रोहित स्कूल से घर आ रहा था। उसे रास्ते में एक औरत मिली। रोहित उसे पहचानता था। वह रोहित की मां की सहेली मीरा थी। वह बोली बेटा तुम्हारी मां ने मुझसे बीज मांगे थे। तुमने ये बीज अपनी मां को दे देना। रोहित जैसे ही घर पहुंचा बोला मां मुझे बहुत भूख… Continue reading घर की फुलवारी

गांधी बापू

एक प्रतिभाशाली सर्वगुण संपन्न सादगी का अवतार थे बापू। सत्य अंहिसा के पुजारी सारे जग के कर्ण धार थे बापू।। भारत के एक महात्मा शिक्षक गुजरात के तपस्वी आत्मा थे बापू। सत्य निष्ठा और मानवता के अवतार थे बापू। भारत देश की एक पहचान थे बापू।। अन्तरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस के रुप में उनका जन्म मनाया… Continue reading गांधी बापू

भेडू के बच्चे की वापसी

जंगल में सभी जानवर एक ही स्कूल में शिक्षा ग्रहण करते थे। सभी जानवर दूर-दूर के जंगलों से आकर हॉस्टल में पढ़ने आए थे। वहां पर सब प्राणी मिलजुल कर रहते थे। कोई भी जानवर किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता था। स्कूल के हैडमास्टर ने उन्हें सख्त हिदायत दी थी कि कोई भी जानवर… Continue reading भेडू के बच्चे की वापसी