अबोध बालक

सन्नी अपनी माता पिता का लाडला बेटा था। उसके माता-पिता उसे बहुत ही प्यार करते थे। जिस वस्तु की भी  वह फर्माइश  करता वह वस्तु उसके माता-पिता तत्काल ही उपलब्ध करवा देते थे। जरा सी खरोंच भीें उसके चेहरे पर नहीं आने देते थे। सन्नी के पिता का स्थांनातरण दूसरे शहर दूसरे गांव में हो… Continue reading अबोध बालक

(वन्दना) प्रार्थना

मेरे प्रभु आओ,   अपनी आंखों में  तुम को बसाऊं। तेरी शरण  में आ कर के बस एक तेरा ही ध्यान मन में लाऊं।।   हर दम बस तेरी महिमा के ही गुण गाऊं। तेरा ही स्मरण कर  अपनें जीवन को सार्थक बनाऊं।। मेरे प्रभु------ मेरे विकारों को हे प्रभु! जड़ से मिटा देना। अज्ञानता से भूल… Continue reading (वन्दना) प्रार्थना

(ऐ भारत मां तुझे सलाम)

ए भारत मां हमनें  तेरी धरा पे जन्म लेकर भारतीय होने का गौरव पाया है। तेरे आंचल में सिर रखकर अपना जीवन  न्योछावर करनें का  संकल्प  दोहराया है।। तूने ही तो हर भारतीय के उमंग और हौसले को बढ़ाया है। सारे जहां की खुशियां देकर अपना सर्वस्व हम पर लुटाया है। कभी धूप, आंधी तूफानों… Continue reading (ऐ भारत मां तुझे सलाम)