भीखू सुबह-सुबह नदी के तट पर पहुंचना चाहता था। वह सुबह सुबह नाविकों को नाव पर से दूसरे छोर तक ले जाता था। इतना मेहनती नाविक था लोग उसकी नाव पर बैठना पसंद करते थे। भीखू को काम करते 20 साल हो चुके थे। वह सुबह सुबह नाविकों को ले जाता और शाम होने तक… Continue reading भीखू मांझी