बहुत समय पहले की बात है कि नूरपुर के एक छोटे से कस्बे में एक ठग रहता था। वह हर घर में ठगी करके अपना तथा अपने परिवार वालों का पेट भरता था। वह एक 2 साल से अधिक किसी भी जगह पर नहीं रहता था। वह ठगी करके अपनी आजीविका चलाता था। जब उसे… Continue reading दो दूनी चार
Month: May 2018
मेहनत का फल मीठा होता है
, किसी गांव में कलवा नाम का बहुत नेक दिल किसान था। हमेशा दूसरों के दुख दर्द में शामिल रहता था। उसका एक दोस्त था धनिया। उसका घर समीप में ही था। धनिया उसको हर रोज काम करते देखा करता था। वह उसके घर आता जाता रहता था। वह एक आलसी किस्म का इंसान था।… Continue reading मेहनत का फल मीठा होता है
प्यार की तलाश
टुन्नू के माता-पिता ने अपना तबादला शहर के दूसरे स्थान पर करवा दिया था ताकि उनका बच्चा अपनी पढ़ाई अच्छे ढंग से कर पाए। वह अपने बेटे को एक अच्छा अफसर बनते हुए देखना चाहते थे। इसके लिए वह भरपूर कोशिश कर रहे थे। कहीं ना कहीं वह भूल गए थे कि जिस प्यार को… Continue reading प्यार की तलाश
वापसी
पूजा आज बहुत खुश थी क्योंकि उसने आज अपने मनपसंद लड़के के साथ शादी कर ली थी। उसे अंदर से कहीं ना कहीं दुख भी था। पूजा के मां बाप ने पूजा से कहा कि तुमने हमसे बिना पूछे लड़के को पसंद किया है। आज के बाद तुम यहां पर हम से कुछ लेने मत… Continue reading वापसी
लोमड़ी नेवले और कौवे की कहानी
किसी घने जंगल में एक लोमड़ी अपने बच्चों के साथ रहती थी। एक बार इतनी आंधी तूफान आया कि लोमड़ी और उसके बच्चे तूफान में फंस गए। लोमड़ी के बच्चों का कहीं भी पता नहीं चला। वह भी भयंकर तूफान में एक नदी नाले में फंस गई थी। उसकी एक टांग टूट चुकी थी। उसकी… Continue reading लोमड़ी नेवले और कौवे की कहानी
क्रूर सिंह
एक गांव में बहुत ही लंबा चौड़ा हट्टा-कट्टा एक पहलवान रहा करता था। किसी जमानें में वह मश्हूर ठग हुआ करता था। । मगर जूल्म साबित न हो जाने पर उसे जेल वालों ने छोड़ दिया था। वह काफी दिन तक जेल की हवा खा कर आया था। इसलिए लोग उसको मिलनें से भी कतराते… Continue reading क्रूर सिंह
परोपकार
रामू आज भी स्कूल देर से पहुंचा था। मैडम ने आते ही उसे बेंच पर खड़ा कर दिया। तुम्हें एक महीना हो गया कहते-कहते जल्दी स्कूल आया करो। हर रोज देर से आते हो। यह देखो तुम्हारी उपस्थिति। तुम समय पर स्कूल नहीं पहुंचोगे तो तुम्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा रामू बहुत ही मायूस… Continue reading परोपकार
जाको राखे साइयां मार सके न कोई
किसी गांव में एक बुढ़िया रहती थी। वह बहुत ही दयालु थी। वह अकेली रहती थी। उसके परिवार में कोई नहीं था। उसके पास दो कमरों का मकान था। जिसमें वह रहती थी। वह बुढिया बहुत ही समझदार थी। वह किसी भी व्यक्ति को अपना मकान किराए पर नहीं देती थी। वह समझती थी कि… Continue reading जाको राखे साइयां मार सके न कोई
भीखू मांझी
भीखू सुबह-सुबह नदी के तट पर पहुंचना चाहता था। वह सुबह सुबह नाविकों को नाव पर से दूसरे छोर तक ले जाता था। इतना मेहनती नाविक था लोग उसकी नाव पर बैठना पसंद करते थे। भीखू को काम करते 20 साल हो चुके थे। वह सुबह सुबह नाविकों को ले जाता और शाम होने तक… Continue reading भीखू मांझी
सकारात्मक सोच
स्कूल की घंटी बजी सारे के सारे बच्चे कक्षा में शोर मचा रहे थे। स्कूल में अध्यापकों की मीटिंग चल रही थी। मुन्नी रिंकू चुन्नू बंटी चारों के चारों इकट्ठे ग्रुप में बैठे हुए थे। तभी बिट्टू आया बोला सॉरी मै लेट हो गया। उसके चारों दोस्त उसे देरी से आता देख कर उस पर… Continue reading सकारात्मक सोच