पश्चाताप (कविता)

किसी गांव में एक  बुढिया थी रहती। अपनें दुःख दर्द गांव वालों से  बयां किया  करती।। वह अकेले रह कर जीवन यापन किया करती। अपने बेटे बहु की रात दिन राह तका करती।। बुढापे में  सबसे ज्यादा  प्यार की थी जरुरत। अपनो से मिलने की आस के सहारे की थी हसरत।। एक दिन उसके बेटे… Continue reading पश्चाताप (कविता)