संघर्ष करना है जरुरी

  एक पेड़ पर कौवा, और एक कौवी का जोड़ा था रहता। एक डाल से दूसरे डाल तक दाना चुनता रहता।। कौवा था बहुत अभिमानी। काम करते वक्त उसे याद आ जाती थी नानी।। एक डाल से दूसरे डाल तक ही दाना लाने जाता। थोड़ा सा दाना लाकर मस्त होकर सो जाता।। कौवा हमेशा अपनें… Continue reading संघर्ष करना है जरुरी

तीन परियां

एक बुढ़िया थी उसके एक ही बेटा था। उसने अपने बेटे को बताया था कि उसके पिता एक साहूकार थे। उन्होंने ना जाने किसी लड़की के चक्कर में पड़कर दूसरे शहर में जा कर उस लड़की के साथ शादी कर ली थी। उसके पिता शहर के मशहूर साहूकारों में से एक थे पर वे अपना… Continue reading तीन परियां

सपनों का स्कूल

एक छोटी सी नन्ही गुड़िया प्यारी प्यारी। सपनों का स्कूल बनाने में जुटी रहती वह बेचारी।। स्कूल में अध्यापकों से प्रश्न पूछ पूछ कर उन्हें सदा सताती रहती। घर में दादा-दादी नाना-नानी चाचा- चाची सभी से प्रश्न पूछ पूछ कर उन्हें डराती रहती।। बस की सीटों में पढ़ा पढ़ा कर अपना मन बहलाती। कभी अध्यापिका… Continue reading सपनों का स्कूल

संघर्ष करना है जरुरी

एक पेड़ पर कौवा, और एक कौवी का जोड़ा था रहता। एक डाल से दूसरे डाल तक दाना चुनता रहता।। कौवा था बहुत अभिमानी। काम करते वक्त उसे याद आ जाती थी नानी।। एक डाल से दूसरे डाल तक ही दाना लाने जाता। थोड़ा सा दाना लाकर मस्त होकर सो जाता।। कौवा हमेशा अपनें दोस्तों… Continue reading संघर्ष करना है जरुरी

शिक्षा के साथ साथ खेलों का महत्व

एक स्वस्थ दिमाग में स्वस्थ शरीर है रहता। यह हमारे मस्तिष्क को सेहतमंद है करता।। मनुष्य को जो पाठ शिक्षा नहीं दे पाती। वह शिक्षा बच्चों को खेल का मैदान है सिखलाती।। खेल शारीरिक विकास की है धुरी।। शिक्षा चिंतन मनन से है होती पूरी।। पढ़ने के साथ जो छात्र खेलों में हैं भाग लेते।… Continue reading शिक्षा के साथ साथ खेलों का महत्व

चीनू का नन्हा दोस्त

बहुत समय पहले की बात है कि एक गांव में चीनू अपने माता पिता के साथ रहा करती थी उसका स्कूल  गांव से बहुत दूर पड़ता था। उसको पैदल ही स्कूल जाना पड़ता था। हर रोज़ दो-तीन किलोमीटर पैदल जाती थी।  हर रोज जब स्कूल जाती अपनी सहेली के साथ जाती। उसकी सहेली मीनू का… Continue reading चीनू का नन्हा दोस्त

दूसरा जन्म

किसी गांव में एक औरत रहती थी।उसका नाम था जमुना। वह बहुत ही नेक इंसान औरत थी। कोई भी उसके घर में आता था उसको भी बिना खिलाए घर से जाने नहीं देती थी। मेहमानों का सत्कार इतने अच्छे ढंग से करती उसे अगर खाने को ना भी मिले तो वह भूखे पेट ही सो… Continue reading दूसरा जन्म

एक मासूम कली

मां मैं हूं तुम्हारी कोख में पल रही कली प्यारी। जिसको जन्म ना देने की तुमने कर दी तैयारी।। तुम इन दुनिया वालों से क्यों डर गई। तुम इतनी भी बेरुख सी क्यों हो गई।। अपनें गर्भ में ही मुझे क्यों मार देना चाहती हो। मुझे मार कर क्या हासिल करना चाहती हो।। दुनिया वालों… Continue reading एक मासूम कली

कोशिश

कोशिश करो कोशिश करो। कोशिश करने से ना टलो।। एक कोशिश इंसान को कहां से कहां पहुंचाएगी। यह बात अभी तुम्हारी समझ में ना आएगी।। कोशिश करने से पीछे मत हटो। संघर्षों से घबराकर  मत डरो।। एक चिन्टी  भी कोशिश से अपनी मंजिल पा गई। उसकी एक छोटी सी कोशिश उसे कहां से कहां पहुंचा… Continue reading कोशिश

दिव्यांग

लखू  बचपन से ही एक अपंग हीन बालक पैदा हुआ था। उसकी दोनों टांगे बचपन से ही टेढ़ी थी। उसे समझ भी और बच्चों की अपेक्षा कम ही आता था। माता-पिता ने उसका किसी न किसी तरह उसका ऑपरेशन करवा दिया था। वह चलने लग गया परंतु बुद्धि से वह बहुत ही नासमझ था। जब… Continue reading दिव्यांग