बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है राखी

सावन के महीने में राखी का त्योहार है आता।बहन का मन अपनें भाई से मिलने को आतुर हो जाता।।राखी के दिन बहन खुशी से फूली नहीं समाती,अपनें भाई को याद करके उसकी आंख नम हो जाती।। बचपन की यादों का अमूल्य उपहार है राखी।घर घर की खुशियों का अंबार है राखी।।बहना की मासूम सी अठखेलियों… Continue reading बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है राखी

हे पर्वत राज हिमालय

हे! पर्वत राज हिमालय भारत मां की देवभूमि,गौरव की खान ।विशालता,विस्तृतता,उच्चता की पहचान । उतर में कश्मीर से ले कर पश्चिम में असाम तक फैला हुआ गिरीराज ।साकार,दिव्य विश्वकी सबसे ऊंची चोटी एवरैस्ट चोटी का सरताज।हे पर्वतराज हिमालय तू गुणों की खान ।युगों-युगों से अचल रह कर , करता हर कोई तुम्हारा गाता गुणगान।हे पर्वतराज… Continue reading हे पर्वत राज हिमालय

हौंसलों की उड़ान कविता

कदम बढ़ाए जा कदम बढ़ाए जा विश्वास दिल में थामें तू यूं ही कदम बढ़ाए जा।अंधेरी राह में भी तू ना हौसला खोए जा।।धीरज दिल में थामें तू यूं ही कदम बढ़ाए जा।मुश्किलों में भी तू यूं ही उम्मीदों का दामन थामें जा।।डर कर तूं यूं न अपने कदम पीछे उठाए जा आस का दीपक… Continue reading हौंसलों की उड़ान कविता

आओ सब मिलकर एक हो जाएं हम

आओ हम सब मिलकर एक हो कर गाएं,हम सब मिलकर एक हो कर गाएं। अच्छे काम कर के सभी को दिखाएं।अच्छे काम करके सभी को दिखाएं।नेक काम करके जीवन सफल बनाएं ।। आओ हम सब मिलकर एक हो कर गाएं, ,आओ सब मिल कर गुनगुनाएं।सब मिल कर गाएं,आओ हमसब मिल कर गांए।। इज्जत से हम… Continue reading आओ सब मिलकर एक हो जाएं हम

हिन्दी भाषा

अपनी भाषा से न रहो अनजान तुम।हिन्दी को सीखे बिना न रहो बेजान तुम। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा जन जन को है सुहातीप्रेम का मार्ग प्रशस्त कर, राष्ट्र की उन्नति का मुल आधार है कहलाती।इससे अछूता नहीं है कोई यह तो सभी के मनों को है लुभातीअपनें भावों की अभिव्यक्ति को सरल और सुगम है बनाती।।विभिन्न… Continue reading हिन्दी भाषा

अंधा और कुबड़ा

दो मित्र एक अंधा और कुबड़ा दोनों एक मोहल्ले में थे रहते।मिल बांट कर खाते तथा इकट्ठे जीवन यापन करते।।अंधे को लोग ज्यादा भीख थे दे दिया करते।कूबडे को लोग कम थे पसंद किया करते।। अंधे और कुबडे दोनों में ईर्ष्या की आग भड़की ।एक दिन वह आग शोला बनकर थी पनपी।।कूबडे ने अंधे से… Continue reading अंधा और कुबड़ा

जैकी और उसके दोस्त

पूंछ हिलाता जैकी आया । आकर अपने दोस्तों को बुलवाया।।  जैकी बोला चूहे भाई चूहे भाई इधर तो आओ।  मुझसे हमदर्दी तो जताओ।। चूहा बोला जैकी भाई जैकी भाई तुमने मुझे यहां क्यों बुलाया?  क्या तुम्हें किसी ने धमकाया?  जैकी बोला भाई मेरे सभी दोस्तों को बुलाओ । जल्दी से मालिक की सहायता के लिए… Continue reading जैकी और उसके दोस्त

उन्मुक्त गगन के पंछी

  उन मुक्त गगन के हम पंछी  नभ में विचरण करने वाले। हम खग , नभचर , और विहग हैं कहलाते। दिखनें में हैं हम अति सुन्दर,मनभाते। ,तभी तो अपनी जान हैं गंवाते।। कभी शिकारी पकड़ कर हमें ले जातें हैं।  हमें कठपूतली बना कर अपनें इशारों पे नचातें हैं। पक्षी विक्रेता को बेच कर हमें… Continue reading उन्मुक्त गगन के पंछी

मधुमक्खी और तितली की दोस्ती

मधुमक्खी और तितली की है यह कहानी। एक थी सुंदर एक थी स्वाभिमानी।। एक पेड़ पर मधुमक्खी और तितली साथ साथ थी रहती। दोनों साथ साथ रहकर सदा थी मुस्कुराती रहती।। साथ साथ रहने पर भोजन की तलाश में थी जाती । शाम को अपने पेड़ पर इकट्ठे थी वापिस आती।। अपने बच्चों के संग… Continue reading मधुमक्खी और तितली की दोस्ती

गोलू की फरियाद

गोलू मां से बोला मां मां मुझे कुछ ढेर सारे महंगे खिलौनें दिला दो ना। मेरे मन की ईच्छा को पूर्ण कर मुझे खुशी दिला दो ना। मां बोली बेटा हर जरूरत की चीज ही तुम्हें दिलवांऊंगी। अपने घर का बजट देखकर ही तुम्हारा कहना पूरा कर पाऊंगी। गोलू बोला मां तू है बड़ी ज्ञानी… Continue reading गोलू की फरियाद