धरती की मूल्यवान धरोहर(2)

नंदलाल अपना परीक्षा परिणाम जानने के लिए स्कूल गया था। उसका बारहवीं कक्षा का परिणाम आने वाला था। वह मन ही मन सोच रहा था कि हे भगवान इस बार तो मुझे पास कर ही दो। यह पढ़ाई वढ़ाई मेरे बस की बात नहीं। बस इंटरव्यू देकर कहीं नौकरी कर लूंगा। उसको पढ़ने का शौक… Continue reading धरती की मूल्यवान धरोहर(2)

Posted in Uncategorized

बुराई का फल

किसी गांव में एक बुढ़िया अपने बेटे के साथ एक छोटे से गांव में रहती थी। वह बहुत ही अच्छी थी। सोचती कि जब उसे बिना मेहनत किए सब कुछ हासिल हो जाता है तो मैं क्यों मेहनत करूं? क्योंकि इसका बेटा कमा कर ले आता था। उसी से उसके दिन व्यतीत हो रहे थे।… Continue reading बुराई का फल

प्यारा दोस्त बांकू

जंगल के सारे जानवरों ने मिलकर सभा बुलाई उन्होंने मिलकर मशवरा लिया कि हम सब जानवर मिलकर एक टूर्नामेंट का आयोजन करेंगे। टूर्नामेंट में जो भी जीतेगा उसको हम ₹5000 देंगे। सब के सब जानवरों के नामों की लिस्ट इतवार से बहुत पहले पहुंच जानी चाहिए। शेर को राजा बनाया गया। शेरनी को रानी। भालू… Continue reading प्यारा दोस्त बांकू

Posted in Uncategorized