, हमें मित्रता हमेशा समझदार इंसान से ही करनी चाहिए। मित्र हमेशा सोच समझकर ही बनानी चाहिए। हमें अपने दोस्त या मित्र बनाते समय उन्हें जांच की कसौटी पर परख लेना चाहिए कि वह मित्र हमारा वफादार है या नहीं। इसके लिए हमें हमेशा मित्र का चुनाव करते समय सोच समझकर चुनाव करना चाहिए। यह… Continue reading दो ठग
Month: April 2018
होनहार बहु
मेताली और सोनाली दो सहेलियां थी। मेताली और सोनाली का घर भी थोड़ी दूरी पर ही था। दोनों इकट्ठे स्कूल जाते मेताली पढ़ने में होशियार थी इसलिए सोनाली की मम्मी उस से बहुत ही नफरत करती थी ।वह सोचती थी कि मेरी सोनाली इस मिताली की तरह होशियार क्यों नहीं बन जाती इसलिए इस वह… Continue reading होनहार बहु
राजू और उसकी दोस्त चिड़िया
राजू के घर के पास एक छोटा सा घोंसला था। उस पर गाने वाली चिड़िया रहती थी। वह चिड़िया इतना मीठा गाना सुनाती कि राजू उस चिड़िया की मधुर गुंजन से भाव विभोर होकर उसके घोसले के पास स्कूल से आकर घंटों बैठा रहता और उसके साथ खेलता रहता। उसे ऐसा महसूस होता कि वह… Continue reading राजू और उसकी दोस्त चिड़िया
नन्हे शिक्षक
स्कूल में सभी बच्चे पिकनिक पर जाने के लिए आयोजन कर रहे थे। सोनाली पिंकू राजू और रवि यह अपने ग्रुप के लीडर थे। वे सब साथ-साथ चल रहे थे। मैडम ने उन्हें हिदायत दी थी कि सब बच्चे एक साथ घूमने चलेंगे। कोई भी बच्चा अकेला कहीं बाहर नहीं जाएगा सारे बच्चे छोटी छोटी… Continue reading नन्हे शिक्षक
साकार सपना
सोनू के माता पिता ने उसकी शादी तय कर दी थी। सोनू अभी 18 वर्ष में ही लगी थी। उसने अपने माता पिता को कहा कि वह शादी नहीं करना चाहती क्योंकि वह अभी अपनी संगीत की शिक्षा जारी रखना चाहती है सोनू को बचपन से ही संगीत का शौक था ।जब कोई भी गाने… Continue reading साकार सपना
सच्चा साथी
एक सेठ था उनका नाम अधिराज था। उनके एक बेटा था। उनका बेटा जब थोड़ा बड़ा हुआ तो उसका भी अपने दोस्तों के साथ खेलने का मन करता था परंतु सेठ अपने बेटे को बाहर जाने से रोकता था। कहीं मेरा बेटा गलत संगत में ना पड़ जाए इसलिए उसने उसकी शिक्षा के लिए बड़े-बड़े… Continue reading सच्चा साथी
छवि
छवि अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी। वह अब कॉलेज जाने लगी थी ।उसकी मम्मी को सदा यही डर लगा रहता था कि कॉलेज में कहीं गलत बच्चों के संग से वह बिगड़ ना जाए इस लिए उसे और बच्चों के साथ खेलनें नहीं भेजती थी। कॉलेज से सीधे घर आना और घर मैं ही… Continue reading छवि
सच्ची मित्रता
राम और श्याम बहुत ही पक्के मित्र थे। एक दिन की बात है कि दोनों दोस्त जंगल में शिकार करने गए हुए थे। छोटे छोटे जानवरों का शिकार किया करते थे । उन्हीं शिकार करने का बहुत ही शौक था जो कुछ शिकार करते हुए बाजार में बेच कर जो भी रुपया मिलता वह भी… Continue reading सच्ची मित्रता
बेटियां
अपनी तकदीर से जहां को रोशन करती है बेटियां। बेटियों से संसार में बहार होती है। बेटियां तो जहां की दिलदार होती हैं।। बेटियों से ही घर की शोभा शोभायमान होती है। बेटियां तो रुतबा शोहरत और तख्तो-ताज की हकदार होती हैं।। बचपन में मां-बाप की दहलीज पर पली युवा होने तक उन से… Continue reading बेटियां